Digvijaya Singh: दलित एक्टिविस्ट शिवकुमार के साथ हुई ज्यादती का संज्ञान क्यों नहीं लेता हाईकोर्ट
हरियाणा पुलिस पर शिवकुमार को यातनाएँ देने का आरोप है, सरकारी मेडिकल रिपोर्ट में हुआ खुलासा, नवदीप कौर मामले में सह आरोपी हैं शिवकुमार
सोनीपत। हरियाणा के दलित श्रम अधिकार कार्यकर्ता के साथ पुलिस हिरासत के दौरान ज्यादती किए जाने की बात सामने आने के कई दिनों बाद भी उन्हें जमानत नहीं मिली है। इतना ही नहीं, हाथ-पैर की हड्डियां टूटने और कई जगह गंभीर चोटें लगने की बात मेडिकल रिपोर्ट में सामने आने के बाद भी उन्हें अस्पताल में भर्ती नहीं कराया गया। शिवकुमार के साथ हुए इस बर्ताव पर कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और राज्यसभा सांसद दिग्विजय सिंह ने सवाल उठाए हैं।
दिग्विजय सिंह ने ट्वीट किया है, 'मैं समझ में नहीं पा रहा कि माननीय हाईकोर्ट शिव कुमार पर पुलिस और जेल अधिकारियों द्वारा किए गए अत्याचारों का खुद से संज्ञान क्यों नहीं ले रहा है, जबकि उन्हें गंभीर चोटें आने के प्रमाण मौजूद हैं? उन्हें फौरन जमानत मिलनी चाहिए। हम आपके साथ हैं शिव कुमार।'
I don’t understand why Hon High Court is not taking suo moto cognisance of atrocities committed on Shiv Kumar by Police and Jail authorities when there is evidence of severe injuries to Shiv Kumar? He must get bail immediately. We are with you Shiv Kumar. #ShivKumar https://t.co/PTNJQ4G990
— digvijaya singh (@digvijaya_28) February 28, 2021
मजदूर अधिकार संगठन के अध्यक्ष शिवकुमार को 16 जनवरी को सिंघु बॉर्डर से उस वक़्त गिरफ्तार किया गया जब वे किसान आंदोलन में शामिल होने गए थे। शिव कुमार और नवदीप कौर के खिलाफ तीन अलग-अलग एफआईआर दर्ज की गई थीं। कौर को तीनों मामलों में जमानत मिल जा चुकी है, जबकि शिवकुमार अब तक कैद में हैं।
यह हालत तब है, जबकि सरकारी मेडिकल रिपोर्ट में शिवकुमार की जो हालत बयान की गई है वह रूह कंपा देने वाली है। इस रिपोर्ट में खुलासा किया गया है कि शिवकुमार के शरीर पर कई जगह चोट लगी है। इनमें से कई गंभीर चोटें हैं। मेडिको-लीगल रिपोर्ट के मुताबिक, 'शिव कुमार के दाहिने पैर में सूजन है और उनके दाहिने पैर की दूसरी और तीसरी उंगली के नाखून जड़ से टूटे हुए हैं। उनके बाएं पैर का अंगूठा काला पड़ गया है और बाएं अंगूठे और तर्जनी उंगली के नाखून नीले-काले पड़ गए हैं। उनके हाथ और पैर में दो जगह फ्रैक्चर भी है।'
Multiple fractures. Torn toe nails. Psychological distress. Over 40 days, #ShivKumar—visually challenged colleague of labour organiser #NodeepKaur—“mentally & physically abused in the police (sic) remand”: report from govt doctors. By @anumayhem https://t.co/jNUWgtFIV8 pic.twitter.com/2xgkcaKCMU
— Article 14 (@Article14live) February 25, 2021
शिवकुमार ने बताया है कि गिरफ्तारी के बाद उन्हे सोनीपत की पुरानी कचहरी ले जाया गया जहां पुलिस ने उनके दोनों पैर बांध दिए। इसके जमीन पर लिटाकर उनके पैरों के तलवों पर लगातार डंडे मारे गए। डॉक्टरों ने भी मेडिकल जांच में इस बात की पुष्टि की है। इतना ही नहीं शिवकुमार के दोनों पैरों को सीधा करके उनकी जांघों पर दो लोगों द्वारा दबाव डालते हुए धातु की पाइप को घुमाया गया। पुलिस ने उनके दोनों हाथों, हथेलियों और उनके सिर के पिछले हिस्से पर भी बहुत मारा।
रिपोर्ट में कहा गया है कि उन्हें सोने तक नहीं दिया गया। सिर पर पानी डाला गया, बुरी तरह से जख्मी हो चुके पैरों पर गर्म पानी डालकर प्रताडित किया गया। एक्टिविस्ट शिवकुमार के साथ पुलिसिया बर्बरता की रूह कंपाने वाली इस रिपोर्ट को आर्थोपैडिक, मनोचिकित्सा, जनरल सर्जरी, रेडियो डायग्नोसिस, फोरेंसिक मेडिसिन और टॉक्सिकोलॉजी विभागों के डॉक्टरों की टीम ने मिलकर तैयार किया है।
ऑनलाइन मीडिया पोर्टल द वायर ने जब शिवकुमार के पिता से इस बारे में बात की तो उन्होंने कहा, 'मुझे शिव कुमार के एक दोस्त ने बताया कि उसे क्रूरता से पीटा गया। जेल में वीडियो कॉल के जरिए हुई बातचीत में उसने कहा था कि पापा मैं ठीक हूं। मुझे लगता है कि उसने ऐसा इसलिए कहा था ताकि हम चिंता न करें।'
दलित और श्रम अधिकार कार्यकर्ता नवदीप कौर ने भी जमानत पर बाहर आने के बाद पुलिस पर प्रताड़ना के गंभीर आरोप लगाए हैं। कौर ने बताया है कि उन्हें महिला पुलिस की गैरमौजूदगी में बालों से घसीटते हुए लाया गया। कौर की बहन ने मीडिया को बताया है कि पुरुष अधिकारियों ने नवदीप के प्राइवेट पार्ट्स पर हमले किए। नवदीप का आरोप है कि उन्हें सिर्फ इसलिए फंसाया गया, क्योंकि वे किसान आंदोलन के पक्ष में जनसमर्थन जुटाने का काम कर रही थीं। हिरासत में प्रताड़ित किए जाने की ये घटनाएं हरियाणा सरकार और पुलिस प्रशासन के बर्ताव पर गंभीर सवाल खड़े कर रही हैं।