यूपी: वांटेड बीजेपी में शामिल, बीएसपी समर्थित जिला पंचायत सदस्य अरुण चौधरी ने बीजेपी का दामन थामा

मेरठ जिला पंचायत सदस्य अरुण चौधरी ने बीजेपी का दामन थामा, बीजेपी के ही इंद्रजीत सिंह पर जानलेवा हमले का आरोप, थाने में दर्ज है शिकायत, पिस्टल लेकर भागते CCTV में दिया था दिखाई, बीजेपी कार्यकर्ताओं में नाराजगी

Updated: May 28, 2021, 12:19 PM IST

Photo courtesy: Amar ujala
Photo courtesy: Amar ujala

मेरठ। बीजेपी नेता पर जानलेवा हमले के आरोपी को बीजेपी ने पार्टी में शामिल कर लिया है। बागपत में बीजेपी के रीजनल दफ्तर में बहुजन समाज पार्टी समर्थित अरुण चौधरी ने बीजेपी की सदस्यता ले ली। अरुण चौधरी को उत्तर प्रदेश पुलिस खोज रही है, लेकिन अब यह फरार आरोपी बीजेपी का कार्यकर्ता बन गया है। बीजेपी दफ्तर में सांसद राजेंद्र अग्रवाल, विधायक दिनेश खटीक समेत बीजेपी के कई वरिष्ठ नेताओं की मौजूदगी में अरुण ने बीजेपी का दामन थाम लिया।

अब यहां जिला पंचायत में बीजेपी के पांच से बढ़कर आठ सदस्य हो गए हैं। बीजेपी का दावा है कि अब जिला पंचायत में भारतीय जनता पार्टी सबसे बड़ा दल हो गया है। अब उसके बाद 17 सदस्यों का बहुमत है। शक्ति प्रदर्शन में वह अपना बहुमत सिद्ध करने का दावा कर रही है।

 बीजेपी में वांटेड के शामिल होने पर कई सवाल खड़े हो रहे हैं। सोशल मीडिया पर लोग कई तरह के कमेंट कर रहे हैं। इससे बीजेपी के कार्यकर्ताओं में भी नाराजगी है।

 

 दरअसल उत्तर प्रदेश के मेरठ जिले के मसूरी गांव में जिला पंचायत सदस्य अरुण चौधरी पर आरोप है कि उसने बीजेपी कार्यकर्ता इंद्रजीत पर 10 मई को जान से मारने की कोशिश की थी। उस पर हमला करने के लिए वह सरे राह अपने साथी के साथ दौड़ते दिखाई दिया था। अरुण के पिस्टल लेकर बीजेपी कार्यकर्ता के पीछे दौड़ने की पूरी घटना वहां लगे CCTV में रिकॉर्ड हो गई थी।

किसी कदर जान बचाने में कामयाब रहे इंद्रजीत ने आरोपी अरुण चौधरी की शिकायत थाने में दर्ज करवाई है। उसके खिलाफ मुकदमा दर्ज होने के बाद भी उसे बीजेपी में शामिल किए जाने पर सवाल खड़े होने लगे हैं। बीजेपी पर आरोपी को संरक्षण देने का आरोप लगा है।

जिला पंचायत अध्यक्ष के चुनाव में अरुण चौधरी का समर्थन पाना बीजेपी के लिए टेढ़ी खीर था। लेकिन अब बीजेपी की मुश्किल हल होती नजर आ रही है। अब अरुण चौधरी के बीजेपी में आने से बीजेपी सदस्यों की संख्या 17 हो गई है। बताया जा रहा है कि मुकदमा दर्ज होते ही बीजेपी नेताओं ने अरुण की ओर नजरे इनायत की थी। माना जा रहा है कि जिला पंचायत अध्यक्ष चुनाव में अरुण से वोट लेना बीजेपी नेताओं के सामने चुनौती थी, अरुण बहुजन समाज पार्टी समर्थित था।