NDTV के फाउंडर प्रणव रॉय और राधिका रॉय ने बोर्ड से दिया इस्तीफा, अब चैनल पर होगा अडानी का कब्जा
प्रणय रॉय और राधिका रॉय का इस्तीफा ऐसे वक्त में आया है जब अडानी ग्रुप ने एनडीटीवी के अधिग्रहण के लिए ओपन ऑफर लाया है।

नई दिल्ली। मीडिया जगत में अडानी ग्रुप का दबदबा बढ़ता ही जा रहा है। द क्विंट के बाद अब अडानी ने एनडीटीवी पर नियंत्रण हासिल कर लिया है। मंगलवार को एनडीटीवी के संस्थापक प्रणय रॉय और राधिका रॉय ने बोर्ड ऑफ डायरेक्टर्स से इस्तीफा दे दिया। स्वतंत्र मीडिया की छवि वाले एनडीटीवी के दर्शकों का कहना है कि अब यह चैनल भी कॉरपोरेट के इशारों पर ऑपरेट होगा।
एनडीटीवी ने बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज को प्रणय रॉय और राधिका रॉय के इस्तीफे की जानकारी दी है। इसमें बताया गया कि प्रणय और राधिका ने कंपनी के डायरेक्टर पद से इस्तीफा दे दिया है। प्रणय और राधिका के इस्तीफे बाद संजय पुगलिया, सुदीप्ता भट्टाचार्य, सेंथिल सिनेया चेंगलवार्यन को तत्काल प्रभाव से आरआरपीआर होल्डिंग प्राइवेट लिमिटेड के बोर्ड में डायरेक्टर नियुक्त किया है।
अडानी का हुआ एनडीटीवी…
— punya prasun bajpai (@ppbajpai) November 29, 2022
प्रणव राय का इस्तीफ़ा… pic.twitter.com/3PlubYYKMg
दरअसल, बीते 23 अगस्त को गौतम अडानी की अगुवाई वाले अडानी समूह ने एनडीटीवी में 29.18 प्रतिशत हिस्सा अधिग्रहित कर लिया था। तभी अडानी ग्रुप ने एनडीटीवी में और 26 फीसदी हिस्सेदारी के लिए मार्केट में ओपन ऑफर लाने का ऐलान किया था। इसी कड़ी में अडानी ग्रुप बीते 22 नवंबर को ओपन ऑफर लाया था, जो आगामी 5 दिसम्बर तक खुला है।
बता दें कि NDTV एक प्रमुख मीडिया हाउस है जो एनडीटीवी 24x7, एनडीटीवी इंडिया और एनडीटीवी प्रॉफिट नाम के तीन राष्ट्रीय चैनलों का संचालन करती है। एनडीटीवी कि छवि स्वतंत्र मीडिया घराने रूप में रही है। अपने आलोचनात्मक दृष्टिकोण के लिए एनडीटीवी दर्शकों के बीच मशहूर है। हालांकि, प्रणव और राधिका रॉय के इस्तीफे के बाद एनडीटीवी के दर्शकों का मानना है कि यह चैनल भी अब कॉरपोरेट के कब्जे में चला गया। ऐसे में अब चैनल का फोकस जनहित के मुद्दों को उठाने के बजाए व्यवसाय पर ज्यादा रहेगा।