गोधरा कांड के आठ दोषियों को सुप्रीम कोर्ट से मिली जमानत, साबरमती एक्सप्रेस में जिंदा जलाए गए थे 59 लोग

गुजरात के गोधरा में 27 फरवरी, 2002 को साबरमती एक्सप्रेस के एक कोच में आग लगाने की घटना में दोषी करार दिए गए 8 लोगों को सुप्रीम कोर्ट ने जमानत दे दी है। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि इन लोगों को जेल में पहले ही 17-18 साल हो चुके हैं।

Updated: Apr 21, 2023, 06:37 PM IST

नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने 2002 के गोधरा ट्रेन अग्निकांड के 8 दोषियों को जमानत दे दी है। इन सभी को गोधरा में ट्रेन की बोगी में आग लगाने का दोषी करार दिया गया है। जिन लोगों को जमानत दी गई है, वो सभी आजीवन कारावास की सजा काट रहे हैं। जबकि इसी मामले में सजा काट रहे चार अन्य दोषियों को कोर्ट ने जमानत या कोई राहत नहीं दी है। इन्हें  निचली अदालत ने फांसी की सजा दी थी, लेकिन बाद में हाईकोर्ट ने उम्रकैद में तब्दील कर दिया था।

सुप्रीम कोर्ट में चीफ जस्टिस डी वाई चंद्रचूड और जस्टिस पी एस नरसिम्हा की बेंच ने गोधरा मामले में दोषियों की जमानत मामले पर फैसला किया। जमानत पाने वाले 8 दोषी आजीवन कारावास की सजा काट रहे हैं। कोर्ट ने कहा कि बेल की शर्तें पूरी कर बाकी लोगों को जमानत पर रिहा किया जाए। दोषियों के वकील संजय हेगड़े ने ईद के मद्देनजर इनको जमानत पर रिहा करने की अपील की।

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सुप्रीम कोर्ट ने 2002 के गोधरा में साबरमती एक्सप्रेस ट्रेन में आग लगाकर 59 लोगों को जिंदा जलाए जाने के मामले में आजीवन कारावास की सजा काट रहे अब्दुल रहमान धंतिया, अब्दुल सत्तार इब्राहिम गद्दी समेत कुल 27 दोषियों की तरफ से दाखिल जमानत याचिका पर सुनवाई की। गौरतलब है कि 27 फरवरी, 2002 को गुजरात के गोधरा में साबरमती एक्सप्रेस के एस-6 कोच में आग लगने से 59 लोगों की मौत हो गई थी। जिसके बाद पूरे राज्य में भयंकर दंगे भड़क उठे थे।

गुजरात सरकार की ओर से सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कोर्ट से कहा कि यह केवल पथराव का मामला नहीं था। दोषियों ने साबरमती एक्सप्रेस की एक बोगी को बंद कर दिया था, जिससे ट्रेन में सवार 59 यात्रियों की मौत हो गई थी और सैकड़ों लोग घायल हुए थे। तुषार मेहता ने तर्क दिया कि कुछ लोग कह रहे हैं कि उनकी भूमिका सिर्फ पथराव थी, लेकिन जब आप किसी बोगी को बाहर से बंद करते हैं, उसमें आग लगाते हैं और फिर पथराव करते हैं तो यह सिर्फ पथराव का मामला नहीं है।

गोधरा कांड में सुप्रीम कोर्ट से जिन आरोपियों को जमानत मिली है, उनमें अब्दुल सत्तार गद्दी, यूनुस अब्दुल हक, मो. हनीफ, अब्दुल रउफ, इब्राहिम अब्दुल रज़ाक़, अयूब अब्दुल गनी, सोहेब यूसुफ और सुलेमान अहमद शामिल है। जबकि जिन 4 आरोपियों को आज जमानत नहीं मिली उनमें अनवर मोहम्मद, सौकत अब्दुल्ला, मेहबूब याकूब मीठा और सिद्दीक मोहम्मद मोरा शामिल हैं।