चुनाव आयोग ने राजनीतिक दलों को दिखाया RVM का प्रोटोटाइप, कांग्रेस समेत अधिकांश विपक्षी दलों ने जताई आपत्ति

चुनाव आयोग ने सोमवार को रिमोट वोटिंग सिस्टम का डेमो दिखाया, कांग्रेस, टीएमसी, एनसीपी समेत अधिकांश दलों ने ईवीएम और RVM की कार्यपद्धति को लेकर सवाल उठाए।

Updated: Jan 16, 2023, 10:21 AM IST

नई दिल्ली। केंद्रीय चुनाव आयोग ने सोमवार को रिमोट वोटिंग सिस्टम का डेमो दिखाया। प्रवासी मतदाताओं के लिए आरवीएम प्रोटोटाइप के डेमो के लिए आयोग ने 65 राजनीतिक दलों (8 राष्ट्रीय और 57 क्षेत्रीय) के प्रतिनिधियों को बुलाया था। हालांकि, कांग्रेस समेत अन्य दलों ने ये कहकर डेमो देखने से इनकार कर दिया की RVM को लेकर आयोग के पास सैद्धांतिक स्पष्टता नहीं है।

चुनाव आयोग की बैठक में कांग्रेस, टीएमसी, आम आदमी पार्टी, एआईएडीएमके, बसपा, सपा समेत अधिकांश विपक्षी दलों ने RVM सिस्टम लाने की कोशिशों का पुरजोर विरोध किया। कांग्रेस की तरफ से ईवीएम को लेकर बनाई गई कमेटी की अध्यक्षता कर रहे दिग्विजय सिंह यह कहकर बैठक से निकल गए कि खुद चुनाव आयोग स्पष्ट नहीं है कि प्रवासी मतदाता किसे माना जाए और देश में प्रवासी मतदाताओं जनसंख्या कितनी है। सिंह के साथ अन्य दलों के प्रतिनिधियों ने भी वॉकआउट किया।

दिग्विजय सिंह ने कहा, 'RVM सिस्टम अभी बहुत अधूरा है। इसमें भारी राजनीतिक समस्याएं हैं। प्रवासी श्रमिकों की परिभाषा और संख्या भी साफ नहीं है। ऐसे में हम RVM का समर्थन नहीं करते। चुनाव आयोग की भूमिका संदिग्ध है। जब बैंकों का सर्वर हैक की जा सकती है, पैसे निकाले जा सकते हैं तो यह ईवीएम क्या चीज है।' वहीं चुनाव आयोग का कहना है कि वोटरों की भागीदारी बढ़ाने के लिए घरेलू प्रवासी मतदाताओं के लिए रिमोट इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन का मॉडल तैयार किया गया है और इससे क्रांतिकारी बदलाव आएगा।

बताया जा रहा है कि मान्यता प्राप्त 65 राजनीतिक दलों में से अधिकांश के प्रतिनिधियों ने RVM और ईवीएम को लेकर सवाल उठाए। विपक्षी पार्टियों ने RVM की परिकल्पना, परिभाषा और संचालन सभी पर संदेह जाहिर किया। कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह ने कहा कि आरवीएम का प्रस्ताव विसंगतियों से भरा है और फिलहाल तो चुनाव आयोग यह ही तय नहीं कर पाया है कि प्रवासी मजदूरों की परिभाषा में किसे शामिल किया जाएगा और किसे नहीं। हालांकि, बीजेपी और कुछ क्षेत्रीय दलों के प्रतिनिधि अभी भी बैठक में ही हैं और वे चुनाव आयोग के अधिकारियों से चर्चा कर रहे हैं। 

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बता दें कि कांग्रेस ने इस मुद्दे पर आम राय बनाने के लिए दिग्विजय सिंह की अध्यक्षता में सभी विपक्षी दलों के साथ रविवार को एक बैठक की। इस सर्वदलीय बैठक में समान विचारधारा वाले 16 राजनीतिक दलों ने हिस्सा लिया था। बैठक में कांग्रेस के अलावा आरजेडी, जेडीयू, शिवसेना, सीपीआई, सीपीआईएम, जेएमएम समेत तमाम प्रमुख दलों के प्रतिनिधि मौजूद थे। खास बता ये है कि जिन दलों के प्रतिनिधि इस बैठक में शामिल नहीं हुए उन दलों ने भी आज की बैठक में RVM के प्रस्ताव का विरोध किया। विपक्षी दल के प्रतिनिधि 31 जनवरी की समय सीमा से पहले संयुक्त रूप से या अलग से अपना जवाब भेजने के लिए 25 जनवरी को फिर से मिलेंगे।