Sekhar Basu Dies: परमाणु वैज्ञानिक शेखर बसु का कोरोना से निधन
Sekhar Basu Death: परमाणु ऊर्जा आयोग के पूर्व अध्यक्ष डॉ शेखर बसु को साल 2014 में पद्मश्री से सम्मानित किया गया था, 68 साल की उम्र में कोलकाता में हुआ निधन

कोलकाता। भारत के विख्यात परमाणु वैज्ञानिक और परमाणु ऊर्जा आयोग के पूर्व अध्यक्ष डॉ शेखर बसु का कोरोना से निधन हो गया है। बसु कोविड-19 के साथ ही किडनी संबंधित अन्य रोगों से ग्रसित थे। 68 वर्षीय बसु ने गुरुवार को सुबह पांच बजे के करीब कोलकाता के एक निजी अस्पताल में आखिरी सांसें ली। बसु के निधन से भारतीय परमाणु जगत में शोक की लहर है।
डॉ बसु के मौत पर भारत के राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने शोक जताया है। कोविंद ने ट्वीट कर कहा, 'भारत के वरिष्ठ वैज्ञानिक पद्मश्री डॉ शेखर बसु का निधन राष्ट्र के लिए बहुत बड़ी क्षति है। वह परमाणु विज्ञान अनुसंधान के प्रमुख थे और परमाणु ऊर्जा से संचालित पनडुब्बी आईएनएस अरिहंत में उनका काफी योगदान था। उनके परिवार और दोस्तों के प्रति संवेदना।'
Demise of veteran scientist Padma Shri Dr Sekhar Basu is a huge loss to the nation. A former chairman of Atomic Energy Commission, he was a stalwart of nuclear science research & immensely contributed to nuclear powered submarine INS Arihant. Condolences to his family & friends.
— President of India (@rashtrapatibhvn) September 24, 2020
वहीं बसु के मौत पर पीएम मोदी ने लिखा, 'प्रसिद्ध परमाणु वैज्ञानिक डॉ शेखर बसु के निधन से दुखी हूं। उन्होंने भारत को परमाणु विज्ञान और इंजीनियरिंग के क्षेत्र में अग्रणी देश के रूप में स्थापित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी। हमारी संवेदनाएं उनके परिवार और दोस्तों के साथ हैं। ॐ शांति।'
I join the atomic energy fraternity in grieving the passing away of Dr. Sekhar Basu, a renowned nuclear scientist who played a key role in establishing India as a lead country in nuclear science and engineering. Our thoughts and prayers are with his family and friends. Om Shanti!
— Narendra Modi (@narendramodi) September 24, 2020
आईएनएस अरिहंत के लिए बनाया था रिएक्टर
मुख्य रूप से मेकेनिकल इंजीनियर रहे डॉ बसु ने भारत की ऐतिहासिक परमाणु ऊर्जा से संचालित पनडुब्बी आईएनएस अरिहंत के लिए बेहद जटिल रिएक्टर के निर्माण में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने के लिए विश्वभर में जाना जाता है। उन्हें परमाणु ऊर्जा कार्यक्रम में अतुल्यनीय योगदान देने के लिए साल 2014 में पद्मश्री से सम्मानित किया गया था।