भारत में EVM एक ब्लैक बॉक्स है, जांच की इजाजत नहीं, एलन मस्क के बाद राहुल गांधी ने भी उठाए सवाल
राहुल गांधी ने एक रिपोर्ट शेयर की है जिसमें दावा किया गया है कि मुंबई में एनडीए के कैंडिडेट रवींद्र वायकर के रिश्तेदार का मोबाइल फोन ईवीएम से जुड़ा था।
नई दिल्ली। लोकसभा चुनाव 2024 के बाद इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन (EVM) की विश्वसनीयत एक बार फिर सवालों के घेरे में है। माइक्रो ब्लॉगिंग प्लेटफार्म ट्विटर के मालिक एलन मस्क ने दावा किया है कि EVM को आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस की मदद से हैक किया जा सकता है। मस्क के इस दावे पर दुनियाभर में एक बार फिर से EVM को लेकर बहस छिड़ गई है। वहीं, कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने भी मस्क के ट्वीट को रीट्वीट करते हुए कहा कि भारत में EVM एक ब्लैक बॉक्स है, जिसकी जांच नहीं हो सकती।
राहुल गांधी ने ट्वीट किया, 'भारत में EVM ब्लैक बॉक्स की तरह है। किसी को भी इसकी जांच की अनुमति नहीं है। हमारी चुनावी प्रक्रिया में पारदर्शिता को लेकर गंभीर चिंताएं जताई जा रही हैं। जब संस्थानों में जवाबदेही की कमी होती है तो लोकतंत्र एक दिखावा बन जाता है और धोखाधड़ी का शिकार हो जाता है।'
राहुल गांधी ने इसके साथ ही एक न्यूज क्लिप भी शेयर किया है। इसके मुताबिक उसमें लिखा है कि 2024 के लोकसभा चुनाव में मात्र 48 वोटों से मुंबई उत्तर पश्चिम सीट जीतने वाले शिवसेना(शिंदे गुट) के सांसद रवींद्र वायकर के रिश्तेदार के फोन में ईवीएम मशीन खोलने की ट्रिक है। उनके रिश्तेदार मंगेश पांडिलकर पर आरोप है कि उन्होंने अपने मोबाइल फोन से ओटीपी जनरेट कर ईवीएम मशीन को अनलॉक करने की कोशिश की थी। वनराय पुलिस ने उन्हें सीआरपीसी की धारा 41A के तहत नोटिस भी दिया है।
पुलिस को संदेह है कि फोन का इस्तेमाल सुबह से शाम 4.30 बजे तक किया गया, जब कांटे की टक्कर चल रही थी। चुनाव आयोग के पास सभी सीसीटीवी फुटेज हैं, जो अब मुंबई पुलिस को दे दिए गए हैं, जो मामले की जांच कर रही है। मामले की जांच के लिए मुंबई पुलिस ने तीन टीमें बनाई हैं। पुलिस चुनाव आयोग द्वारा दिए गए सीसीटीवी फुटेज की जांच करेगी। वहीं, मोबाइल की फॉरेंसिक की रिपोर्ट का इंतजार है।
वहीं सपा सुप्रीमो अखिलेश यादव ने भी EVM को लेकर पोस्ट किया है। उन्होंने ट्वीट किया, 'टेक्नॉलजी समस्याओं को दूर करने के लिए होती है, अगर वही मुश्किलों की वजह बन जाए, तो उसका इस्तेमाल बंद कर देना चाहिए। आज जब विश्व के कई चुनावों में EVM को लेकर गड़बड़ी की आशंका ज़ाहिर की जा रही है और दुनिया के जाने-माने टेक्नोलॉजी एक्सपर्ट्स EVM में हेराफेरी के ख़तरे की ओर खुलेआम लिख रहे हैं, तो फिर EVM के इस्तेमाल की ज़िद के पीछे की वजह क्या है, ये बात भाजपाई साफ़ करें। आगामी सभी चुनाव बैलेट पेपर (मतपत्र) से कराने की अपनी माँग को हम फिर दोहराते हैं।'