BJY में शामिल होने के बाद फिल्ममेकर का ट्विटर हैक, दिग्विजय सिंह ने एलन मस्क से की एक्शन लेने की मांग
भारत जोड़ो यात्रा में शामिल होने के बाद मशहूर फिल्मेकर आनंद पटवर्धन का ट्विटर अकाउंट हैक हो गया, कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह ने इस मामले में एलन मस्क से कार्रवाई की मांग की है।

नई दिल्ली। भारत जोड़ो यात्रा में शामिल होने के बाद दिग्गज फिल्ममेकर आनंद पटवर्धन का ट्विटर अकाउंट हैक हो गया है। उन्होंने स्वयं इस बात की जानकारी दी है। पटवर्धन ने एक फेसबुक पोस्ट में बताया कि यात्रा में शामिल होने के कुछ दिनों बाद उनका ट्विटर एकाउंट हैक कर लिया गया और सारे पोस्ट हटा दी गई। कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह ने इस मामले में ट्विटर के सीईओ एलन मस्क से हस्तक्षेप की मांग की ही।
भारत जोड़ो यात्रा आयोजन समिति के अध्यक्ष व वरिष्ठ सांसद दिग्विजय सिंह ने इस मामले पर लिखा कि, 'कितनी शर्म की बात है। आप कहाँ हैं एलन मस्क? आनंद पटवर्धन भारत के प्रमुख फिल्म निर्माताओं में से एक हैं। उनका अपराध क्या है? उन्होंने सभी धर्मों के लोगों के बीच प्रेम और करुणा को बढ़ावा देने, घृणा और हिंसा फैलाने वाली शक्तियों से लड़ने के लिए भारत जोड़ो यात्रा में भाग लिया। कृप्या कार्रवाई करें।'
What a shame!! Where are you @elonmusk? Anand Patwardhan is one of the leading film makers of India. What is his crime? He participated in #BharatJodoYatra to promote love and compassion among people of all religions and fight forces of hatred and violence! Please ACT pic.twitter.com/WICTLgCHGz
— digvijaya singh (@digvijaya_28) December 28, 2022
बता दें की आनंद पटवर्धन बीते दिनों राजस्थान के दौसा में भारत जोड़ो यात्रा में शामिल हुए थे। इस दौरान उन्हें राहुल गांधी के साथ कदमताल करते देखा गया था। इस दौरान पटवर्धन ने कहा था कि, 'यह यात्रा हमारे लिए उम्मीदों की किरण है। राहुल गांधी से मिलकर लगा कि वे सिर्फ एक अच्छे नेता ही नहीं एक अच्छे इंसान हैं। इस देश को अगर अच्छा इंसान मिल जाए तो ये देश बच सकता है।'
भारत जोड़ो यात्रा में शामिल हुए फिल्मकार आनंद पटवर्धन और सिनेमैटोग्राफर सिमांतनी धुरू।
— Bharat Jodo (@bharatjodo) December 18, 2022
उन्होंने इस यात्रा को आज की सबसे बड़ी ज़रूरत बताया। #BharatJodoYatra pic.twitter.com/aSzT4GnvG9
बता दें कि आनंद पटवर्धन अपने सामाजिक, राजनीतिक और मानवाधिकार उन्मुख फिल्मों के लिए जाने जाते हैं। उनकी कुछ फिल्में भारत में धार्मिक कट्टरवाद, संप्रदायवाद और जातिवाद के उदय को दर्शाती है, जबकि अन्य फिल्में सतत विकास की जांच करती हैं। पटवर्धन की अधिकांश फिल्मों को भारत सरकार से सेंसरशिप का सामना करना पड़ा है, अंततः लंबी कानूनी लड़ाई के बाद उन्हें मंजूरी मिल जाती है। उनकी फिल्म "बॉम्बे: आवर सिटी" चार साल के कोर्ट केस के बाद टीवी पर दिखाया गया था।
पटवर्धन द्वारा निर्मित "इन मेमोर ऑफ फ्रेंड्स (1990), इन द नेम ऑफ गॉड (1992), फादर सन एंड होली वॉर (1995), नर्मदा डायरी (1995), वॉर एंड पीस (2002) और जय भीम कॉमरेड (2011)" जैसी फिल्में कई राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय पुरस्कार जीत चुकी हैं।