सरकारी विभाग में लॉकडाउन आदेशों का उल्लंघन

खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण विभाग ने 50 प्रतिशत कर्मचारियों को लॉकडाउन के दौरान दफ्तर आने का आदेश दिया है.

Publish: May 19, 2020, 06:52 AM IST

केंद्र सरकार के उपभोक्ता मामलों के मंत्रालय में लॉकडाउन संबंधी दिशा निर्देशों के उल्लंघन का मामला सामने आया है. दरअसल, मंत्रालय के खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण विभाग के अवर सचिव ने एक आदेश जारी किया है. इसमें विभाग द्वारा 33 प्रतिशत की जगह 50 प्रतिशत कर्मचारियों को रोटेशनल अर्थात् एक दिन छोड़कर दूसरे दिन कार्यालय बुलाने का आदेश दिया गया है. इसके साथ ही डिप्टी सेक्रेटरी रैंक के नीचे वाले अधिकारियों को भी रोज ऑफिस आने का आदेश जारी किया गया है.

यह आदेश जारी करते हुए खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण विभाग के अवर सचिव ने 17 मई को केंद्रीय गृह मंत्रालय की तरफ से लॉकडाउन के चौथे चरण को लेकर जारी किए गए नए दिशा निर्देशों का हवाला दिया है. जबकि 17 मई को केंद्रीय गृह मंत्रालय की तरफ से जारी किए गए आदेश में कर्मचारियों की संख्या के बारे में कोई जिक्र नहीं है. उल्टा इन नए दिशा निर्देशों में ‘वर्क फ्राम होम’ को प्रोत्साहन देने की बात कही गई है.

वहीं अगर केंद्रीय गृह मंत्रालय के 15 अप्रैल के आदेश पर नजर डालें तो बिंदु 18 के दूसरे सेक्शन में इस बात का साफ जिक्र है कि लॉकडाउन के दौरान जरूरी सेवाएं प्रदान करने वाले मंत्रालयों और सार्वजनिक उपक्रमों को छोड़कर बाकी सभी मंत्रालयों और विभागों में 33 प्रतिशत कर्मचारी ही दफ्तर जाएंगे और बाकी के कर्मचारी घर से ही काम करेंगे . ऐसे में खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण विभाग की तरफ से जारी 18 मई का आदेश केंद्रीय गृह मंत्रालय के दिशा निर्देशों का साफ उल्लंघन है.

खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण विभाग में काम करने वाले एक कर्मचारी ने नाम ना बताने की शर्त पर बताया,”सचिव के कहने पर अवर सचिव ने यह मनमाना आदेश निकाला है. इस आदेश से विभाग के कर्मचारी नाखुश हैं लेकिन दबाव की वजह से कुछ कह नहीं पा रहे हैं, यह आदेश कर्मचारियों की जान के साथ खिलवाड़ है और बाकी विभागों ने इस तरह का कोई आदेश नहीं निकाला है.”

कर्मचारी ने कहा, “ऐसे समय में जब लगभग सभी मंत्रालयों के कर्मचारी कोरोना वायरस से संक्रमित हो रहे हैं, तब यह आदेश तुगलकी फरमान जैसा है.”

इस पूरे मामले पर प्रतिक्रिया लेने के लिए हमने खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण विभाग के सचिव सुधांशु पांडे से संपर्क करने की कोशिश की. लेकिन उनकी तरफ से हमें कोई जबाव नहीं मिला.

खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण विभाग के अवर सचिव की तरफ से जारी यह आदेश कोरोना वायरस महामारी के दौरान आपदा प्रबंधन एक्ट, 2005 का भी हनन है. इसके साथ ही यह राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण की तरफ से 17 मई को जारी किए गए दिशा निर्देशों का भी उल्लंघन करता है.

आपदा प्रबंधन एक्ट, 2005 के सेक्शन 55 के तहत आदेश के उल्लंघन पर कार्रवाई का भी प्रावधान है. इसमें कहा गया है कि अगर सरकार के किसी विभाग की तरफ से आदेशों का उल्लंघन किया जाता है तो इसके लिए विभाग का प्रमुख जिम्मेदार होगा. सेक्शन 55 में कहा गया है कि अगर विभाग प्रमुख यह सिद्ध नहीं कर पाता है कि आदेश का उल्लंघन उसकी जानकारी में नहीं हुआ या फिर उसने इसे रोकने के लिए जरूरी कदम उठाए, तो उसके ऊपर जरूरी कार्रवाई की जाएगी.