370 को वापस लागू करने के लिए 300 सांसदों की है जरूरत: गुलाम नबी आज़ाद

गुलाम नबी आज़ाद ने पुंछ में एक जनसभा को संबोधित करते हुए कहा कि चूंकि बीजेपी ने 370 को हटाया है, इसलिए वो कभी इसे दोबारा लागू नहीं करेगी, इसे लागू करने के लिए कांग्रेस के पास तीन सौ सांसद होने चाहिए

Updated: Dec 02, 2021, 02:51 AM IST

Photo Courtesy: Indian Express
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श्रीनगर। कश्मीर में अनुच्छेद 370 की वापसी को लेकर कांग्रेस नेता गुलाम नबी आज़ाद ने बड़ा बयान दिया है। गुलाम नबी आज़ाद ने कहा है कि कश्मीर में अनुच्छेद 370 को दोबारा लागू करने के लिए कांग्रेस पार्टी को तीन सौ सांसदों की जरूरत है। क्योंकि बीजेपी इसे कश्मीर में दोबारा लागू नहीं करेगी। 

कांग्रेस नेता ने यह बात बुधवार को पुंछ में एक जनसभा को संबोधित करते हुए कही। जम्मू कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री ने आम लोगों को संबोधित करते हुए कहा कि चूंकि बीजेपी ने इसे हटाया है इसलिए उसके द्वारा अनुच्छेद 370 को दोबारा लागू करने का कोई सवाल नहीं उठता। इसे दोबारा लागू करने के लिए कांग्रेस पार्टी के पास तीन सौ सांसदों का होना आवश्यक है।

हालांकि कांग्रेस नेता ने लोगों से कहा कि मैं यह दावा नहीं कर सकता कि 2024 में हमारी पार्टी के पास तीन सौ सांसद होंगे। इसलिए उन्होंने लोगों से कहा कि मैं आपसे कोई झूठा वादा नहीं कर सकता। 

गुलाम नबी आज़ाद ने केंद्र सरकार पर हमला बोलते हुए कहा कि हमसे राज्य का दर्जा छीन लिया गया। जमीनों और नौकरियों का अधिकार छीन लिया गया। गुलाम नबी आज़ाद ने कहा कि वे राज्य के लोगों के जमीन और नौकरी के अधिकार को सुरक्षित करने के लिए लगातार काम करते रहेंगे। 

कांग्रेस नेता ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह ने जम्मू कश्मीर को पूर्ण राज्य का दर्जा देने का वादा किया है। इसलिए तमाम विपक्षी दलों को राज्य को जल्द से जल्द पूर्ण राज्य का दर्जा दिलाने और चुनाव कराने का दबाव बनाना चाहिए। 

पूर्व सीएम ने अपने मुख्यमंत्री कार्यकाल की याद दिलाते हुए कहा कि उन्होंने राज्य का सीएम रहने के दौरान राज्य के कोने कोने में सड़कों, अस्पतालों और स्कूलों का निर्माण कराया। राज्य के 6 संभागों में मेडिकल कॉलेज स्थापित किए। कांग्रेस नेता ने जनता को संबोधित करते हुए केंद्र सरकार द्वारा किसानों की मांगों को लटकाए जाने का भी विरोध किया। गुलाम नबी आज़ाद ने कहा कि सरकार बिना मतलब का किसानों की एमएसपी की गारंटी कानून को लटका रही है। किसानों की सभी मांगों को जल्द से जल्द माना जाना चाहिए।