प्रदूषण पर SC सख्त, फाइव स्टार होटल के AC में बैठकर किसानों को दोष देना आसान है, पहले से क्यों नहीं किया इंतजाम

दिल्ली NCR के 11 में से 6 थर्मल पावर प्लांट बंद करने का फैसला, 21 नवंबर निर्माण कार्यों पर पाबंदी, अगले आदेश तक बंद रहेंगे स्कूल, कॉलेज, सभी सरकारी और निजी ऑफिसों में आधे कर्मचारी घर से करेंगे काम, 50 फीसदी कर्मचारियों को ही आने की अनुमति

Updated: Nov 17, 2021, 04:34 PM IST

Photo courtesy: twitter
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दिल्ली। दिल्ली में वायु प्रदूषण अपने चरम पर है, बुधवार सुबह यहां का एयर क्वालिटी इंडेक्स 379 दर्ज किया गया है। केंद्रीय राजधानी और NCR में प्रदूषण की बदतर स्थिति को लेकर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई। इस दौरान सुप्रीम कोर्ट ने कई सख्त टिप्पणियां की। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि हर साल इस महीने में दिल्ली में वायु प्रदूषण चरम पर होता है। जिसके लिए पराली को दोषी बताया जाता है। फाइव स्टार होटलों के AC में बैठकर किसानों को दोष देना आसान है। जब इस महीने में पराली जलाने की घटना बढ़ती है तो उसे लेकर कोई ठोस कदम क्यों नहीं उठाए जाते।

वहीं केंद्र की ओर से कहा गया है कि वह केंद्रीय कर्मचारियों के वर्क फ्रॉम होम की पक्षधर नहीं है। सफाई में कहा गया है कि केंद्रीय कर्मचारी घर से काम करने की जगह कार पुलिंग करेंगे। वहीं दिल्ली और NCR रीजन में गैर-जरूरी ट्रकों की एंट्री बैन करने जैसे उपाय अपनाए जाएगें जिससे वाहनों की संख्या में कमी लाई जा सके।

दरअसल ये बातें केंद्र सरकार की ओर से सुप्रीम कोर्ट में हलफनामा देकर कही गई हैं। केंद्र सरकार की कहना है कि केंद्र द्वारा उपयोग होने वाली गाड़ियों की संख्या दिल्ली की तुलना में बेहद कम है। इन्हें रोकने से दिल्ली की एयर क्वालिटी इंडेक्स पर कोई ज्यादा सुधार नहीं पड़ेगा। दिल्ली NCR के समस्त सरकारी और प्राइवेट ऑफिसों में एक बार में आधी क्षमता को ही आफिस बुलाने की परमीशन है। बाकी 50 प्रतिशत कर्मचारी 21 नवंबर तक वर्क फ्रॉम होम कर सकेंगे।   सुप्रीम कोर्ट दिल्ली में बढ़ते प्रदूषण को लेकर सख्त है। कोर्ट के आदेश के बाद दिल्ली NCR के सभी सरकारी और प्राइवेट शिक्षण संस्थाओं को अगले आदेश तक के लिए बंद कर दिया गया है। स्कूलों और कॉलेजों को आगामी आदेश तक ऑनलाइन पढ़ाई करवाने के निर्देश दिए गए हैं।

दिल्ली और NCR में प्रदूषण से बचने के लिए 21 नवंबर तक सभी निर्माण कार्यों पर रोक लगा दी गई है। इस दौरान केवल जनहित से जुड़े सरकारी प्रोजेक्ट्स पर ही निर्माण किया जा रहा है। रेलवे सर्विसेज और स्टेशन, मेट्रो रेल कॉर्पोरेशन सर्विस, स्टेशन सहित, एयरपोर्ट्स और इंटर स्टेट बस टर्मिनल, नेशनल सिक्योरिटी/डिफेंस से संबंधित गतिविधियों और राष्ट्रीय महत्व के प्रोजेक्ट्स के कार्यो को छोड़कर सभी निर्माण गतिविधियों को तत्काल प्रभाव से रोक दिया गया है।

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सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली और उससे लगे राज्य सरकारों से गाड़ियों की सख्त चेकिंग करने को कहा है, ताकि प्रदूषण फैलाने वाली गाड़ियों को रोका जा सके। गाड़ियों के पास लीगल पॉल्यूशन अंडर कंट्रोल सर्टिफिकेट होने पर ही आने-जाने दिया जाएगा। वहीं असुविधा से बचन के लिए ट्रैफिक टास्क फोर्स की टीमों को भी तैनात किया गया है।  वहीं दिल्ली NCR में डीजल जेनरेटर पर भी पाबंदी लगा दी गई है।

दिल्ली के सर्वाधिक प्रदूषित क्षेत्रों में एंटी-स्मॉग गन्स, वॉटर स्प्रिंकलर्स और डस्ट सप्रेसेंट्स को रोजाना तीन बार उपयोग करने की हिदायत दी गई है। वहीं सड़कों पर निर्माण सामग्री और कचरा फेंकने वालों पर जुर्माना लगाने की हिदायत दी गई है।