अक्टूबर में चरम पर पहुंच सकती है कोरोना की तीसरी लहर, गृह मंत्रालय ने पीएमओ को दी चेतावनी

गृह मंत्रालय के अंतर्गत आने वाले नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ़ डिजास्टर मैनेजमेंट ने अपनी एक रिपोर्ट पीएमओ को सौंपी है, जिसमें बच्चों के जल्द से जल्द वैक्सीनेशन पर जोर दिया गया है

Publish: Aug 23, 2021, 07:11 AM IST

प्रतीकात्मक तस्वीर
प्रतीकात्मक तस्वीर

नई दिल्ली। कोरोना की संभावित तीसरी लहर को लेकर अब चर्चा तेज हो गई है। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक गृह मंत्रालय ने पीएमओ को बताया है कि कोरोना की तीसरी लहर अक्टूबर महीने में अपने चरम पर पहुंच सकती है। गृह मंत्रालय के मुताबिक बच्चों को लेकर विशेष तैयारी पर ध्यान केंद्रित करने की ज़रूरत है। 

गृह मंत्रालय के अंतर्गत आने वाले नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ डिजास्टर मैनेजमेंट ने अपनी रिपोर्ट पीएमओ को सौंपी है। जिसमें अक्टूबर महीने में कोरोना संक्रमण की तीसरी लहर आने की चेतवानी दी गई है। इसके साथ ही तीसरी लहर से निपटने के लिए रिपोर्ट में कुछ सुझाव भी दिए गए हैं। जिसमें यह बताया गया है कि भले ही तीसरी लहर के बच्चों के लिए ज्यादा घातक सिद्ध होने के साक्ष्य नहीं मिले हों लेकिन उनसे संक्रमण का फैलाव तेज़ी से हो सकता है।

बच्चों को कोरोना की तीसरी लहर के खतरे से बचाने के लिए प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र पर बच्चों के लिए डॉक्टरों, मेडिकल इक्विपमेंट्स और एंबुलेंस की तैनाती का सुझाव दिया गया है। इसके साथ ही बच्चों में जल्द से जल्द टीकाकरण की प्रक्रिया सुनिश्चित करने के लिए भी कहा गया है। रिपोर्ट में पहले से बीमार और विकलांग बच्चों का प्राथमिकता के साथ टीकाकरण सुनिश्चित किए जाने का सुझाव दिया गया है।

वहीं बच्चों के लिए अलग से कोरोना वार्ड बनाने का भी सुझाव दिया गया है, ताकि संक्रमित होने वाले बच्चों के माता पिता बिना संक्रमण के खतरे के अपने बच्चों की देखभाल कर सकें। 

हालांकि दूसरी तरफ आईआईटी कानपुर के वरिष्ठ वैज्ञानिक मणिंद्र अग्रवाल का कहना है कि कोरोना की तीसरी लहर की संभावना अब नगण्य है। उनका कहना है कि वैक्सीनेशन के कारण अब कोरोना की तीसरी लहर की संभावना बेहद कम हो गई है। 

अग्रवाल के मुताबिक अक्टूबर महीने तक उत्तर प्रदेश और बिहार जैसे राज्यों में कोरोना के एक्टिव मामले इकाई के आंकड़े में पहुंच जाएंगे। हालांकि तब भी देश भर में प्रतिदिन 15 हजार के आसपास संक्रमण के मामले आते रहेंगे। क्योंकि तमिलनाडु, केरल और कर्नाटक जैसे दक्षिणी राज्यों में संक्रमण के मामले आते रहेंगे। 

इससे पहले विभिन्न रिपोर्ट्स में यह दावा किया गया था कि सितंबर महीने में कोरोना की तीसरी लहर अपने चरम पर पहुंच सकती है। हालांकि उन रिपोर्ट्स में यह बात भी कही गई थी कि कोरोना की तीसरी लहर दूसरी लहर के मुकाबले कम घातक सिद्ध होगी।