भारत और चीन के विदेश मंत्रियों की मुलाकात में 5 बिंदुओं पर सहमति
LAC Standoff: विदेश मंत्रियों की बैठक में सीमा पर तनाव घटाने पर सहमति, पहले की गई संधियों और निर्धारित प्रोटोकॉल्स का पालन करेंगे चीन और भारत

लद्दाख में ताजा तनाव के बीच रूस के मॉस्को में भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर और चीन के विदेश मंत्री वांग यी के बीच मुलाकात हुई है। विदेश मंत्रियों की बैठक में दोनों देशों ने सीमा पर तनाव घटाने के लिए सहमति जताई है। भारत-चीन विवाद सुलझाने के लिए दोनों देशों के बीच 5 बिंदुओं पर सहमति हो गई है।
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार मास्को में हुई इस मुलाक़ात में भारतीय विदेश मंत्री एस जयशंकर ने यह साफ किया कि भारत लाइन ऑफ एक्चुल कंट्रोल पर तनाव बढ़ाना नहीं चाहता है। भारत ने कहा है कि चीन के लिए भारत की नीति और भारत के प्रति चीन की नीति में किसी तरह का बदलाव नहीं हुआ है। विदेश मंत्री एस जयशंकर और चीन के विदेश मंत्री वांग यी की गुरुवार शाम क़रीब दो घंटे बातचीत हुई है।
During meeting with Chinese Foreign Minister Wang Yi, EAM S Jaishankar clearly conveyed that it expected full adherence to all agreements on the management of border areas & would not countenance any attempt to change the status quo unilaterally: Govt sources
— ANI (@ANI) September 10, 2020
भारत-चीन के बीच जिन पांच सूत्रीय बिंदुओं पर बनी सहमति
- दोनों देश बातचीत जारी रखते हुए आपसी मतभेदों को विवाद में बदलने नहीं देंगे।
- तनाव कम करने के लिए दोनों देशों की सेनाएं विवाद वाले क्षेत्रों से तुरंत पीछे हटेंगी।
- दोनों देश पहले से तय मैकेनिज्म के अनुसार चर्चा जारी रखेंगे।
- पहले की गई संधियों और निर्धारित प्रोटोकॉल्स को माना जाएगा। दोनों देश उनका उल्लंघन नहीं करेंगे।
- दोनों देश तनाव बढ़ाने वाला कोई कदम नहीं उठाएंगे। किसी भी विवाद की स्थिति में स्पेशल रिप्रेजेंटेटिव (SR) मैकेनिज्म के जरिए बातचीत से मुद्दे का निराकरण होगा।
इस मुलाकात से पहले भारतीय विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अनुराग श्रीवास्तव ने कहा, "भारत और चीन तनाव कम करने के लिए राजनयिक तरीकों से एक दूसरे के संपर्क में हैं। दोनों देशों के रक्षा मंत्रियों की मुलाकात के दौरान इस ओर सहमति बनी थी। भारत के विदेश मंत्री चीन के विदेश मंत्री से मिलने वाले हैं। भारत शांतिपूर्ण तरीके से मुद्दों का हल निकालने के लिए प्रतिबद्ध है।"
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मुलाकात के दौरान तीनों देशों के विदेश मंत्रियों ने त्रिपक्षीय संबंधों को मजबूत बनाने पर सहमति जताई। तीनों ने क्षेत्रीय और अंतरराष्ट्रीय महत्व के विषयों पर भी अपने मत साझा किए। एक संयुक्त बयान में कहा गया कि तीनों देश अपनी मजबूत वैज्ञानिक और औद्योगिक क्षमता के सहारे कोविड 19 के असर को कम करने में महत्वपूर्ण योगदान दे सकते हैं।
इससे पहले एस जयशंकर और वांग यी ने 23 जून को वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए एक दूसरे से बातचीत की थी। 17 जून को भी दोनों के बीच फोन पर लंबी बात हुई थी। भारत को उम्मीद है कि चुशुल सेक्टर में बढ़त बनाने के बाद वह चीनी सैनिकों को उत्तरी पैंगोंग त्सो से पीछे जाने को मजबूर कर सकता है। अब तक हुई कमांडर स्तर की बैठकों के बाद चीनी सैनिक फिंगर इलाकों को छोड़कर बाकी सभी जगहों से पीछे हट गए थे।