कश्मीर मामले को लेकर UNGA अध्यक्ष की टिप्पणी पर भारत ने जताई सख्त आपत्ति
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने कहा कि कश्मीर को लेकर वोल्कन बोजकिर की टिप्पणी भ्रामक, पूर्वाग्रह से ग्रसित, अस्वीकार्य और अनुचित है

नई दिल्ली। भारत ने संयुक्त राष्ट्र महासभा के अध्यक्ष वोल्कन बोजकिर द्वारा कश्मीर मसले पर की गई टिप्पणी पर आपत्ति जताई है। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने कहा है कि बोजकिर की टिप्पणी भ्रामक, पूर्वाग्रह से ग्रसित, अस्वीकार्य और अनुचित है। इसके पहले बोजकिर ने अपने पाकिस्तान दौरे के दौरान कश्मीर मुद्दे की तुलना फिलिस्तीन से करते हुए कहा था कि पाकिस्तान को इसे संयुक्त राष्ट्र में मजबूती से उठाना चाहिए।
भारतीय विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने इस संबंध में बयान जारी कर कहा, 'जब संयुक्त राष्ट्र महासभा के अध्यक्ष भ्रामक और पूर्वाग्रह से ग्रसित टिप्पणी करते हैं तो यह उस पद को बहुत बड़ी क्षति पहुंचाती है जिसपर वे आसीन हैं। भारत के केंद्र शासित प्रदेश को लेकर किया गया उल्लेख अनुचित और अस्वीकार्य है। बोजकिर का व्यवहार वास्तव में खेदजनक है और निश्चित रूप से वैश्विक मंच पर उनकी स्थिति को कमतर करता है।'
Our response to media queries on remarks made by President of the United Nations General Assembly with respect to the Indian Union Territory of Jammu and Kashmir: https://t.co/knzjJHyAeO pic.twitter.com/5HKTd31ruf
— Arindam Bagchi (@MEAIndia) May 28, 2021
दरअसल संयुक्त राष्ट्र महासभा के अध्यक्ष पाकिस्तानी विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी के आमंत्रण पर पाकिस्तानी दौरे पर पहुंचे थे। इसी दौरान कुरैशी ने बोजकिर का ध्यान कश्मीर मसले पर आकर्षित किया, और फिलिस्तीन विवाद को कश्मीर विवाद से जोड़कर भी देखने के लिए कहा। इस दौरान बोजकिर ने भी कश्मीर मसले पर पाकिस्तान का पक्ष लेते हुए उसे इस मुद्दे को और मजबूती के साथ उठाने की सलाह दी है।
बोजकिर ने कहा है कि कश्मीर मसले को सुलझाने के लिए दोनों देशों में जरूरी मजबूत राजनीतिक इच्छाशक्ति की साफ तौर पर कमी दिखती है। लिहाज़ा इस मुद्दे को प्रमुखता से उठाने की ज़िम्मेदारी पाकिस्तान की होनी चाहिए। क्योंकि फिलिस्तीन और कश्मीर विवाद एक समय के ही हैं। इतना ही नहीं बोजकिर ने भारत में कश्मीर से अनुच्छेद 370 के समाप्ति की आलोचना भी की है। उन्होंने कहा कि शिमला समझौते के तहत यह तय किया गया था कि दोनों देशों के बीच इस मसले को शांतिपूर्ण तरीके से सुलझाया जाएगा। तुर्की के रहने वाले बोजकिर अगस्त 2020 में संयुक्त राष्ट्र महासभा के अध्यक्ष बने थे। अध्यक्ष बनने के बाद उन्होंने सबसे पहला दौरा पाकिस्तान का ही किया था।