कोरोना से मारे गए लोगों को नहीं भूल सकते, मृतकों की याद में तेलंगाना में बना देश का पहला स्मारक

प्रोजेक्ट मदद नामक स्वयंसेवी समूह ने बनाई महामारी के दौरान मारे गए लोगों की याद में स्मारक, जिस गांव में बना वहां 100 फीसदी लोगों की हुई है टीकाकरण

Updated: Nov 12, 2021, 11:11 AM IST

Photo Courtesy : Al Jazeera
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हैदराबाद। कोरोना की दूसरी लहर से देश भले ही उबर गया हो लेकिन संकट के दौरान चारों तरफ़ जो मौत का मंजर देखने को मिला उसे भूलने में दशकों लग जाएंगें। महामारी से जिनकी मौतें हुईं वे तो अब कभी लौट के नहीं आने वाले, लेकिन जो जीवित हैं, उन्हें ताउम्र याद रहेगा कि किस तरह वे अपनों को बचाने के लिए जूझ रहे थे, रुकती सांसों को थामने के लिए दौड़-भाग कर रहे थे और एक-एक कर सांसें रुकती जा रहीं थीं। मौत के बाद जब श्मशानों में जगह नहीं थी, लंबी लाइनें लग रहीं थीं, इन खौंफनाक अनुभवों को सकारात्मक समापन देने का प्रयास प्रोजेक्ट मदद नामक स्वयंसेवी संस्था कर रही है।

प्रोकेक्ट मदद की ओर से कोविड-19 महामारी के कारण मारे गए लोगों की याद में स्मारक बनाया गया है। तेलंगाना के राजन्ना सिरसिल्ला जिले के राजन्नापेट गांव में बुधवार को इस स्मारक की स्थापना की गई है। यह अपनी तरह का देश का पहला स्मारक है। भारतीय और विदेश में बसे डॉक्टर्स और प्रोफेशनल्स की मदद से बनी यह स्मारक साल 2020-2021 के दौरान कोविड-19 से जान गंवाने वाले देश के सभी नागरिकों को ये स्मारक समर्पित किया गया है।

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समूह ने शुक्रवार को एक बयान जारी कर कहा है कि 'प्रोजेक्ट मदद’ का मानना है कि भारत न तो महामारी से मारे गए लोगों को भूल सकता है और न ही कोविड-19 से बचाव के तरीकों को छोड़ सकता है। बयान में बताया गया है कि जिस गांव में स्मारक बनाई गई है वहां 100 फीसदी टीकाकरण हो चुका है। यह गांव 31 जुलाई 2021 तक पूर्ण टीकाकरण का लक्ष्य प्राप्त करने वाला भारत का पहला गांव है। प्रोजेक्ट मदद की ओर से टीकाकरण में योगदान देने वाले ग्रामीण स्वास्थ्यकर्मियों के सम्मान में एक कार्यक्रम का भी आयोजन किया गया।