उद्योगपति तय कर रहे हैं फसलों के दाम, किसानों से पूछिए हालात क्या हैं: हिमाचल में प्रियंका गांधी ने भरी हुंकार

प्रियंका गांधी ने हिमाचल प्रदेश में जनसभा को संबोधित करते हुए कहा कि जो गलत है, जो सच है, उसे परखिए.. आज वह मौका आ चुका है।

Updated: Nov 07, 2022, 12:23 PM IST

ऊना। हिमाचल प्रदेश चुनाव के कांग्रेस ने पूरी ताकत झोंक दी है। कांग्रेस की स्टार प्रचारक प्रियंका गांधी न
ऊना के हरोली विधानसभा क्षेत्र के कांगड़ मैदान में सोमवार को एक विशाल जनसभा को संबोधित किया। इस दौरान वह बीजेपी की केंद्र और राज्य सरकार पर हमलावर दिखीं। प्रियंका ने कहा कि तमाम PSUs जिनसे रोजगार मिलता है, उसे सरकार ने बेच दिया।

जनसभा को संबोधित करते हुए प्रियंका गांधी ने कहा कि, 'प्रियंका गांधी ने कहा कि 5 साल में सरकार नहीं बदली तो इसके परिणाम भुगतने पड़ेंगे। नेताओं को बार-बार सत्ता मिलने से अहंकार बढ़ता है। इसलिए सरकार बदलने की परंपरा जारी रहनी चाहिए। जब हम दूल्हा देखने जाते हैं तो सबसे पहले उनकी नीयत देखते हैं, ठीक इसी तरह नेताओं की भी नीयत देखकर वोट देना है। इस बार अपना वोट किसी के कहने से नहीं देना, बल्कि सही का चयन करके अपने आपको वोट देना है।'

प्रियंका गांधी ने आगे कहा कि, 'हिमाचल प्रदेश जिसे देवी-देवताओं व संतों की धरती कहते हैं, इस धरती ने आपको बहुत बड़ी परम्परा दी है- सच्चाई को परखने की परम्परा। जो गलत है, जो सच है, उसे परखिए.. आज वह मौका आ चुका है। जब भी पुरानी पेंशन योजना (OPS) की बात आती है, आप नारा लगाते हैं, तालियां बजाते हैं। क्योंकि ये आपकी मांग है, जिसे बार-बार ठुकराया जा रहा है। अगर कांग्रेस शासित प्रदेशों में OPS मिल सकती है, तो फिर बाकी प्रदेशों में क्यों नहीं? इस सच्चाई को समझिए।'

यह भी पढ़ें: बरकरार रहेगा गरीब सवर्णों का 10 फीसदी कोटा, SC की 5 जजों की बेंच ने 3:2 की बहुमत से सुनाया फैसला

कांग्रेस महासचिव ने कहा कि, 'हिमाचल प्रदेश का युवा बताए- इन 5 सालों में कितनों को रोजगार मिला? सरकार का सबसे बड़ा कर्तव्य नौकरी देना होता है। लेकिन भाजपा सरकार के राज में 63000 पद खाली हैं, ये खाली पद भरे क्यों नहीं। आज छत्तीसगढ़ में बेरोजगारी की दर सबसे कम है। क्योंकि हमने 5 लाख रोजगार दिए हैं, राजस्थान में भी 1.30 लाख रोजगार दिए हैं। हिमाचल प्रदेश में 63000 पद खाली हैं, यहां के नौजवान परेशान हो चुके हैं।'

प्रियंका गांधी ने आगे कहा कि, 'किसान, बागबान, छोटे व्यापारी सब मुसीबत में हैं। किसी से भी पूछ लीजिए- क्या आपने 5 सालों में तरक्की की, तो सबका जवाब नहीं होता है। जब ये असलियत है, इस असलियत को आप जी रहे हो, तो इस असलियत को आप बदलते क्यों नहीं? इस असलियत को बदलिए।'