लखीमपुर में पत्रकार की मौत पर मीडिया का प्रोपगैंडा, जानें कैसे हुई थी रमन कश्यप की मौत
दुनियाभर को खबर देने वाले पत्रकार रमन कश्यप की मौत की जानकारी परिजनों को 9-10 घंटे बाद मिली, पीट-पीटकर मारने के दावे को परिजनों ने खारिज करते हुए कहा कि घटना के 3 दिन बाद भी परिजनों को नहीं मिली पोस्टमार्टम रिपोर्ट

लखीमपुर खीरी। लखीमपुर हिंसा कांड में पत्रकार रमन कश्यप को पीट-पीटकर मारने के दावे की पोल खुद मृतक के परिजनों ने खोल दी है। पत्रकार के पिता का कहना है कि उनके बेटे की मौत किसानों को रौंदने वाली गाड़ियों की टक्कर से हुई थी। पिता के इन दावों के बावजूद पत्रकार को किसानों द्वारा पीटकर मारने का प्रोपगैंडा खूब फैलाया जा रहा है। मृतक परिवार के परिजनों पर भी इस झूठ को हवा देने का दबाव है। लेकिन वो बार बार और जोर से कहने की कोशिश कर रहे हैं कि पत्रकार किसानों की लाठी से नहीं मरा बल्कि मंत्री की गाड़ी से मरा।
गत रविवार 3 अक्टूबर को उत्तर प्रदेश के लखीमपुर खीरी जिले के तिकुनिया में प्रदर्शनकारी किसानों को कथित तौर पर गाड़ियों से रौंदने और फिर भड़की हिंसा के मामले में चार किसानों समेत कुल 8 लोग मारे गए थे। आंदोलनकारी किसानों ने केंद्रीय मंत्री अजय मिश्रा टेनी के बेटे आशीष मिश्रा पर किसानों को रौंदते हुए फायरिंग कर भागने का आरोप लगाया है। इस घटना में मारे गए लोगों में स्थानीय पत्रकार रमन कश्यप भी रहे जिन्हें केंद्रीय मंत्री अजय मिश्रा भाजपा कार्यकर्ता बताते हुए चार भाजपा कार्यकर्ताओं की मौत का दावा कर रहे थे। लेकिन जब शवों की शिनाख्त हुई तो पता चला कि हिंसा में मंत्री के दो समर्थकों और एक ड्राइवर के अलावा एक स्थानीय पत्रकार की मौत हुई है।
MoS Home Ajay Kumar Mishra to PTI: 3 BJP members, 1 driver beaten to death by some "elements in farmers' protest" in UP's Lakhimpur Kehri
— Press Trust of India (@PTI_News) October 3, 2021
हैरानी की बात है कि जिस न्यूज चैनल के लिए रमन स्ट्रिंगर के तौर पर काम करता था, उसने न अपने पत्रकार की मौत की खबर दिखाई और न ही पत्रकार को भाजपा समर्थकों में शुमार करने पर कोई ऐतराज नहीं किया। रविवार रात जब मंत्री समर्थक बताए जा रहे चार लोगों के शव पोस्टमार्टम के लिए पहुंचे तब पता चला कि भाजपा कार्यकर्ता बताया जा रहा व्यक्ति पत्रकार रमन कश्यप है। अगले दिन यानी 4 अक्टूर को लखीमपुर खीरी कांड में एक पत्रकार की मौत की खबर फैली तो साथ ही उसे पीट-पीटकर मार डालने के दावे भी किए जाने लगे। इस प्रोपगैंडा का मकसद किसानों को पत्रकार की मौत का गुनहगार ठहराना था।
लखीमपुर खीरी हिंसा में ABP न्यूज़ के पत्रकार रमन कश्यप की भी मौत हो गई है। आरोप है कि 'किसान प्रदर्शनकारियों' ने उन्हें पीट-पीट कर मार डाला।https://t.co/ldCYFZWE26
— ऑपइंडिया (@OpIndia_in) October 4, 2021
लेकिन इस बार भी पत्रकार रमन कश्यप की मौत को लेकर किए गए दावे गलत निकले। इन दावों को पत्रकार के परिजनों ने ही खारिज कर दिया है। हिंदी दैनिक अमर उजाला की खबर के अनुसार, “पत्रकार रमन कश्यप के परिजनों का आरोप है कि भाजपा नेता की गाड़ी से टकराकर घायल होने के बाद जब रमन ने वहां से हटने की कोशिश की तो एक अन्य नेता ने उन्हें गोली मार दी, जो बांह में लगी और वह बेहोश हो गए। बाद में उन्हें लखीमपुर खीरी ले जाया गया, जहां उनकी मौत हो गई।“
लखीमपुर कांड में गाड़ी से टक्कर मारने के बार पत्रकार रमन कश्यप को गोली मारी गई थी। घटनास्थल पहुंचे @mandeeppunia1 व कई अन्य पत्रकारों ने रमन की मौत का मुद्दा उठाया जिसके बाद आश्रितों को 45 लाख रुपये की मदद और नौकरी का आश्वासन दिया गया है। @cjpindia pic.twitter.com/2tT5Z9Mmgo
— aslibharat.com (@aslibharat_) October 5, 2021
लखीमपुर पहुंचे कई पत्रकारों ने रमन कश्यप के पिता राम आसरे कश्यप से बात की जिसमें उन्होंने बेटे की मौत किसानों को कुचलने वाली गाड़ियों की टक्कर से होने का दावा किया है। पत्रकार मनदीप पुनिया के साथ बातचीत में रमन कश्यप के पिता ने बताया कि जो गाड़ियां किसानों को रौंदते हुए गई थीं, उन्हीं की चपेट में आकर उनका बेटा भी मारा गया।
हम समवेत से फोन पर बातचीत में रमन कश्यप के पिता ने उनके बेटे को किसानों द्वारा पीटे जाने की बात से स्पष्ट इंकार किया है। उनका कहना है कि रमन के शरीर पर मारपीट या लाठीडंडे की चोट के निशान नहीं थे बल्कि घसीटने, रगड़ के निशान थे, जो गाड़ी से टक्कर के कारण लगे।
पुलिस की भूमिका पर सवाल उठाते हुए रमन के पिता ने कहा कि उन्हें बेटे की मौत की जानकारी 9-10 घंटे बाद दी गई। बेटे के हत्यारों को सजा दिलवाने के लिए उन्होंने पुलिस शिकायत भी दर्ज करायी है लेकिन उन्हें अभी तक न तो एफआईआर की कॉपी मिली और न ही पोस्टमार्टम रिपोर्ट की दी गई है। हालांकि, मुआवजे के तौर पर 45 लाख रुपये का चेक जिला प्रशासन ने रमन की पत्नी को सौंप दिया है।
The Editors Guild of India is shocked by the death of Raman Kashyap, a TV journalist who was reporting on Lakhimpur Kheri’s farmers protest on October 3. pic.twitter.com/UU5SvvoHbE
— Editors Guild of India (@IndEditorsGuild) October 5, 2021
एडिटर्स गिल्ड ऑफ इंडिया ने पत्रकार रमन कश्यप की मौत के मामले की अलग से न्यायिक जांच कराने और उनके कैमरे की फुटेज निकालने की मांग की है, ताकि मामले की सच्चाई सामने आ सके। एडिटर्स गिल्ड की ओर से जारी बयान के मुताबिक, ''रमन कश्यप की मौत को लेकर अलग-अलग बातें कही जा रही हैं, जिनमें गोली लगने से मौत का दावा भी शामिल है। जब प्रदर्शनकारी किसानों को गाड़ियों से कुचलने की भयावह घटना हुई, तब वह रिपोर्टिंग कर रहे थे। कश्यप की मौत की वजह जानने के लिए स्वतंत्र जांच जरूरी है।''