यशवंत सिन्हा: कंधार में बंधकों की रिहाई के लिए अपना बलिदान देने को तैयार थीं ममता दीदी

कंधार विमान अपहरण के समय केंद्रीय मंत्री रहे यशवंत सिन्हा ने कहा, ममता बनर्जी शुरू से योद्धा हैं, देश के लिए हर कुर्बानी देने को रहती हैं हमेशा तैयार

Updated: Mar 13, 2021, 01:37 PM IST

Photo Courtesy : DNA India
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कोलकाता। बीजेपी के सबसे बड़े नेता स्वर्गीय अटल बिहारी वाजपेयी की सरकार में वरिष्ठ मंत्री रहे यशवंत सिन्हा अब तृणमूल कांग्रेस में शामिल हो गए हैं। टीएमसी का दामन थामते ही यशवंत सिन्हा ने पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को लेकर एक बेहद दिलचस्प खुलासा किया है। यशवंत सिन्हा ने बताया कि 1999 में जब आतंकियों ने इंडियन एयरलाइंस की फ्लाइट IC-814 को हाइजैक करके आतंकी अहज़र मसूद को छोड़ने की मांग कर रहे थे, तब केंद्रीय मंत्री ममता बनर्जी यात्रियों की रिहाई के लिए अपनी जान जोखिम में डालकर बंधन बनने को तैयार हो गई थीं। यशवंत सिन्हा ने कहा कि ममता बनर्जी शुरूआत से ऐसी ही योद्धा हैं, जो देश के लिए कोई भी कुर्बानी करने को हमेशा तैयार रहती हैं। 

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यशवंत सिन्हा ने उस घटना का ज़िक्र करते हुए बताया कि कैबिनेट की मीटिंग चल रही थी। यात्रियों को आतंकियों के चंगुल से छुड़ाने की योजना पर विचार किया जा रहा था। उसी समय ममता ने यात्रियों को आतंकियों के चंगुल से छुड़ाने के लिए खुद को बंधक बनाए जाने की पेशकश कर दी। सिन्हा ने बताया कि उस दौरान ममता ने कहा था कि आतंकी अगर यात्रियों को रिहा कर दें तो उनके बदले में वे खुद बंधक बनने को तैयार हैं। यशवंत सिन्हा ने बताया कि ममता बनर्जी शुरू से ही ऐसी फाइटर रही हैं, जो देश के लिए कोई भी कुर्बानी देने को तत्पर रहती हैं।  

आज बीजेपी के साथ कोई नहीं है: यशवंत सिन्हा 
पूर्व केंद्रीय मंत्री यशवंत सिन्हा ने कहा कि आज के समय में बीजेपी के साथ कौन है? एक एक करके बीजेपी के तमाम सहयोगी दल उसका साथ छोड़ते जा रहे हैं। सिन्हा ने अटल बिहारी वाजपेयी की सरकार के कार्यकाल को याद करते हुए कहा कि अटल जी की सरकार सबको साथ लेकर चलने में विश्वास रखती थी। उस दौरान आम सहमति से ही कोई फैसला लिया जाता था। लेकिन आज बीजेपी के साथ कोई नहीं है, क्योंकि बीजेपी दमनकारी नीतियों में भरोसा रखती है। यही वजह है कि अकाली दल और बीजेडी ने बीजेपी से किनारा कर लिया।

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यशवंत सिन्हा का राजनीतिक करियर जनता पार्टी से शुरू हुआ। बाद में जनता दल का गठन होने पर वे उसके महासचिव बने। इसके बाद लंबे अरसे तक सिन्हा बीजेपी में रहे।अटल बिहारी वाजपेयी सरकार में यशवंत सिन्हा ने पहले वित्त मंत्री और फिर विदेश मंत्री के तौर पर भी काम किया। लेकिन 2014 के लोकसभा चुनाव के दौरान यशवंत सिन्हा की बीजेपी से दूरियां बढ़ने लगीं। 2018 में आखिरकार उन्होंने बीजेपी छोड़ दी। हालांकि उनके बेटे जयंत सिन्हा झारखंड के हजारीबाग से बीजेपी सांसद हैं। जयंत को मोदी सरकार के पहले कार्यकाल में वित्त राज्य मंत्री भी बनाया गया था।