मणिपुर बीजेपी में भगदड़, मात्र 19 दिन में चार विधायकों का प्रशासनिक पदों से इस्तीफा

भाजपा विधायक ख्वाइराकपम रघुमणि ने मणिपुर नवीकरणीय ऊर्जा विकास एजेंसी (MANIREDA) के अध्यक्ष पद से इस्तीफा दे दिया। उन्होंने निजी कारणों का हवाला देकर सीएम को इस्तीफा सौंपा है।

Updated: Apr 25, 2023, 10:47 AM IST

इंफाल। मणिपुर के सत्ताधारी दल भाजपा में भगदड़ का सिलसिला जारी है। भारतीय जनता पार्टी के एक और विधायक ने सोमवार को अपने प्रशासनिक पद से इस्तीफा दे दिया है। पिछले 19 दिनों में प्रशासनिक पद से इस्तीफा देने वाले ख्वाइरकपम रघुमणि मणिपुर बीजेपी के चौथे पाई विधायक हैं। 

उरीपोक के भाजपा विधायक ख्वाइरकपम रघुमणि ने मणिपुर नवीकरणीय ऊर्जा विकास एजेंसी (MANIREDA) के अध्यक्ष पद से इस्तीफा दिया है।
मुख्यमंत्री एन. बीरेन सिंह को भेजे अपने त्याग पत्र में रघुमणि ने कहा कि वह व्यक्तिगत कारणों से और जनहित में पद छोड़ रहे हैं। उन्होंने लिखा, "मैंने महसूस किया है कि एमएएनआईआरईडीए के अध्यक्ष के रूप में मेरे इस पद पर बने रहने की जरूरत नहीं है।"

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रघुमणि से पहले 20 अप्रैल को भाजपा विधायक पाओनाम ब्रोजेन ने मणिपुर डेवलपमेंट सोसाइटी के अध्यक्ष पद से इस्तीफा दे दिया था। पाओनाम ब्रोजेन ने भी इस्तीफे के पीछे निजी कारणों का हवाला दिया था। पाओनाम से पहले 17 अप्रैल को भाजपा विधायक करम श्याम ने पर्यटन निगम मणिपुर लिमिटेड के अध्यक्ष पद से इस्तीफा दिया था। भाजपा विधायक के इस्तीफे का ये सिलसिला 8 अप्रैल से शुरू हुआ जब भाजपा विधायक थोकचोम राधेश्याम ने मुख्यमंत्री के सलाहकार पद से इस्तीफा दिया था।

भाजपा की राज्य इकाई में अपने प्रशासनिक पदों से लगातार विधायकों के इस्तीफों साफ है कि बीरेन सिंह सरकार के लिए सबकुछ ठीक नहीं है। बताया जा रहा है कि मणिपुर के भाजपा विधायकों में असंतोष की एक बड़ी वजह मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह हैं। असंतुष्ट विधायक केंद्रीय नेताओं से मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह को बदलने की मांग कर रहे हैं। इस मांग के तहत मणिपुर भाजपा के अंसतुष्ट विधायकों का एक खेमा दिल्ली भी आया था। हालांकि बीजेपी शीर्ष नेतृत्व की ओर से मुख्यमंत्री बीरेन सिंह या कैबिनेट में बदलाव को लेकर कोई प्रतिक्रिया नहीं आई है। इससे भाजपा के विधायकों का इस्तीफा जारी है।