MDH मसालों के मालिक महाशय धर्मपाल गुलाटी का निधन, 98 साल की उम्र में ली अंतिम सांसें

मसाला किंग के नाम से महशूर महाशय धर्मपाल गुलाटी को पिछले साल ही पद्मभूषण से सम्मानित किया गया था, बीते दिनों वह कोरोना संक्रमित पाए गए थे

Updated: Dec 03, 2020, 03:30 PM IST

Photo Courtesy: Twitter
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नई दिल्ली। भारत के मशहूर एमडीएच मसालों (MDH) के मालिक महाशय धर्मपाल गुलाटी का निधन हो गया है। उन्होंने 98 साल की उम्र में आज सुबह 6 बजे दिल्ली के माता चंदन देवी अस्पताल में आखिरी सांसें ली। मसाला किंग के नाम से मशहूर धर्मपाल गुलाटी के निधन की खबर से देशभर में उनके चाहने वाले दुखी हैं। 

जानकारी के मुताबिक बीते दिनों उनकी कोरोना जांच रिपोर्ट पॉजिटिव आई थी। हालांकि वह कोरोना को मात दे चुके थे। बताया जा रहा है कि वह तीन हफ्ते से हॉस्पिटल में इलाज करवा रहे थे। इसी दौरान गुरुवार तड़के सुबह उन्हें हार्टअटैक आया और उन्होंने दुनिया को अलविदा कह दिया। बता दें कि मसाला किंग गुलाटी सालों से एमडीएच के प्रचार में दिखते रहे हैं जिसकी वजह से वह घर-घर में पहचाने जाते हैं। पिछले साल भारत सरकार ने उन्हें पद्मभूषण से सम्मानित भी किया था। 

गुलाटी के निधन की खबर सुनकर देशभर में उनके चाहने वाले लाखों लोग स्तब्ध हैं। केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल, दिल्ली सीएम अरविंद केजरीवाल समेत कई लोगों ने उन्हें श्रद्धांजलि दी है। पीयूष गोयल ने ट्वीट किया, 'देश के मसालों की सुगंध को पूरे विश्व मे फैलाने वाले, पद्मभूषण पुरस्कार से सम्मानित महाशय धर्मपाल गुलाटी जी के निधन से अत्यंत दुख हुआ। अपनी उद्यमिता से स्वदेशी व आत्मनिर्भरता के साथ ही उन्होंने सामाजिक कार्यों का एक आदर्श स्थापित किया। ईश्वर उन्हें मोक्ष प्रदान करें।'

पाकिस्तान से भारत आए थे गुलाटी

बता दें कि धर्मपाल गुलाटी के पिता ने पाकिस्तान के सियालकोट में साल 1922 में एक छोटी सी दुकान से इस सफर की शुरुआत की थी। देश के बंटवारे के बाद उनका परिवार दिल्ली आ गया था। ऐसी भी खबरें आती रहीं हैं कि दिल्ली आने के बाद धर्मपाल गुलाटी ने एक तांगा खरीदा था, जिससे वह सवारी को लाते ले जाते थे। हालांकि इस काम में न तो धर्मपाल गुलाटी का मन लगता था और न ही उन्हें इतनी आमदनी होती थी।

इसके बाद साल 1953 में उन्होंने चांदनी चौक में एक दुकान ली, जिसका नाम ‘महाशयां दी हट्टी’ रखा। तब से ये दुकान MDH के नाम से जानी जाने लगी। धीरे धीरे धर्मपाल गुलाटी के मसाले लोगों को इतने पसंद आने लगे कि इनका निर्यात दुनियाभर में होने लगा। साल 2017 में उन्हें इंडिया में किसी भी FMCG कंपनी का सबसे ज्यादा वेतन पाने वाला CEO भी घोषित किया गया।

वेतन का 90 फीसदी दान

खास बात यह है कि महाशय गुलाटी सामाजिक कार्यों में भी काफी आगे रहते थे। एमडीएच के अनुसार गुलाटी अपने वेतन का 90 फीसदी हिस्सा दान कर देते थे। गुलाटी की कंपनी ब्रिटेन, यूरोप, यूएई, कनाडा आदि सहित दुनिया के विभिन्न हिस्सों में भारतीय मसालों का निर्यात करती है। गुलाटी दुनियाभर में भारतीय मसालों के वितरक और निर्यातक के तौर पर पहचाने जाने लगे थे।