2 साल की बंदी के बाद सांसद निधि को फिर बहाल करेगी केंद्र सरकार, सूचना प्रसारण मंत्री अनुराग ठाकुर ने किया एलान

सांसद निधि को बहाल किये जाने के साथ-साथ केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर ने यह भी बताया कि मोदी सरकार ने 15 नवंबर को जनजातीय गौरव दिवस भी घोषित करने का निर्णय लिया है

Updated: Nov 11, 2021, 03:30 AM IST

Photo Courtesy : The Economic Times
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नई दिल्ली। दो साल से केंद्र द्वारा रोकी गई सांसद निधि को मोदी सरकार फिर से बहाल करने जा रही है। अब एक बार फिर सभी सांसदों को अपने क्षेत्र में रुके पड़े विकास को गति देने के लिए सांसद निधि आवंटित की जाएगी। सांसद निधि की बहाली का एलान खुद केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर ने किया है। 

अनुराग ठाकुर ने बताया कि सांसदों को पहले 2021-22 वित्त वर्ष के लिए दो किश्तों में दो-दो करोड़ रुपए की राशि मुहैया कराई जाएगी। इसके अलावा 2022-26 तक सांसदों को पांच-पांच करोड़ रुपए की राशि आवंटित की जाएगी। 2020 में सांसद निधि को कोरोना का हवाला देकर रोक दिया गया था। जिसके बाद से ही सांसद अपने क्षेत्र में विकास के कार्यों को गति देने में अक्षम महसूस कर रहे थे।  

सांसद निधि को दोबारा बहाल करने के लिए विपक्ष के कई नेताओं ने सदन में भी आवाज़ उठाई। इसी साल की शुरुआत में बजट सत्र के दौरान विपक्षी दल के कुछ नेताओं ने सांसद निधि की बहाली को लेकर सदन में सवाल भी पूछा था। जिसके जवाब में सांख्यिकी और कार्यान्वन राज्य मंत्री राव इंद्रजीत सिंह परमार ने लिखित जवाब देते हुए कहा था कि फिलहाल सांसद निधि के आवंटन पर लगी रोक को हटाने पर सरकार कोई विचार नहीं कर रही है। 

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बजट सत्र के तुरंत बाद ही देश भर में कोरोना की दूसरी लहर आ गई। कोरोना के प्रकोप के कारण लोग इलाज तक के लिए मोहताज हो गए। इस दौरान सांसद निधि न होने के कारण सांसद अपने क्षेत्रों में पीड़ित और ज़रूरतमंद लोगों तक अपनी मदद नहीं पहुँचा पाए। दूसरी लहर के दौरान ही राज्यसभा सांसद दिग्विजय सिंह ने प्रधानमंत्री मोदी को इस संबंध में पत्र भी लिखा था और सांसद निधि को दोबारा बहाल करने की मांग भी की थी। लेकिन केंद्र सरकार ने सांसद निधि दोबारा बहाल करने पर कोई फैसला नहीं लिया। 

सांसद निधि को दोबारा बहाल किए जाने के साथ-साथ केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर ने केंद्र सरकार के एक और फैसले जानकारी दी है कि केंद्र सरकार ने 15 नवंबर को जनजातीय गौरव दिवस घोषित करने का निर्णय लिया है। अनुराग ठाकुर ने केंद्र के फैसले की जानकारी देते हुए कहा कि भारतीय इतिहास और संस्कृति में जनजातियों के विशेष स्थान और योगदान को सम्मानित करने व आने वाले पीढ़ियों को इस सांस्कृतिक विरासत और राष्ट्रीय गौरव के संरक्षण के लिए प्रेरित करने के उद्देश्य से 15 नवंबर को जनजातीय गौरव दिवस घोषित करने का निर्णय ​लिया है। उन्होंने आगे कहा कि 15 नवंबर को भगवान बिरसा मुंडा की जयंती है, आज़ादी की लड़ाई में उनके योगदान को देखते हुए भी 15 नवंबर को जनजातीय गौरव दिवस घोषित करने का निर्णय लिया है। भारत सरकार 15-22 नवंबर जनजा​तीय समुदायों के गौरवशाली इतिहास, उपलब्धियों, संस्कृति पर कार्यक्रम आयोजित करने जा रही है।