नसीरुद्दीन शाह का भारतीय मुसलमानों से सवाल, आधुनिकता चाहिए या सदियों पुराने बर्बर रीति रिवाज

अफगानिस्तान में तालिबान की जीत पर जश्न मनाने वालों को दिग्गज अभिनेता नसीरुद्दीन शाह ने लताड़ा, बोले- उन वहशीयों की वापसी पर जश्न मनाना खतरनाक है

Updated: Sep 02, 2021, 09:24 AM IST

मुंबई। अफगानिस्तान में तालिबानी हुकूमत की वापसी के बाद नागरिकों के साथ बर्बरता की घटनाओं की दुनियाभर में आलोचनाएं की जा रही है। भारत में भी सभी धर्मों के लोग तालिबानी धर्मांधता की आलोचना कर रहे हैं। हालांकि, देश के मुट्ठीभर लोग ऐसे भी हैं जो तालिबानी वहशीपन को जायज ठहराते हुए आतंकियों के हुकूमत में वापसी का जश्न मना रहे हैं। बॉलीवुड के दिग्गज अभिनेता नसीरूद्दीन शाह ने वैसे भारतीय मुसलमानों को जमकर लताड़ा है।

नसीरुद्दीन शाह ने एक वीडियो जारी कर भारतीय मुसलमानों से पूछा है कि उन्हें आधुनिकता चाहिए या सदियों पुराने रीतिरिवाज। शाह इस वीडियो में यह कहते देखे जा सकते हैं कि, 'हालांकि, अफगानिस्तान में तालिबान का दुबारा हुकूमत पा लेना दुनियाभर के लिए फिक्र का विषय है, लेकिन इससे कम खतरनाक नहीं है हिंदुस्तानी मुसलमानों के कुछ तबकों का उन वहशीयों की वापसी पर जश्न मनाना। आज हर हिंदुस्तानी मुसलमान को अपने आप से यह सवाल पूछना चाहिए कि उसे अपने मजहब में इस्लाह (सुधार) और जिद्दत (आधुनिकता) चाहिए या पिछली सदियों के वहशीपन का इकदार (रीति रिवाज)।' 

मुझे सियासी मजहब की कोई जरूरत नहीं- नसीरुद्दीन शाह

वीडियो में नसीरुद्दीन शाह आगे कहते हैं कि, 'मैं हिंदुस्तानी मुसलमान हूं और जैसा कि मिर्ज़ा ग़ालिब एक अरसा पहले फरमा गए हैं, मेरा रिश्ता अल्लाह मियां से बेहद बेतकल्लुफ है। मुझे सियासी मजहब की कोई जरूरत नहीं है। हिंदुस्तानी इस्लाम हमेशा दुनियाभर के इस्लाम से अलग रहा है। और खुदा वो वक़्त न लाए की वो इतना बदल जाए कि हम उसे पहचान भी न सकें।' शाह का यह वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है और लोग उनके विचारों की खूब तारीफें  भी कर रहे हैं।