हमें कोई नहीं रोक सकता, जैसे आज यह बारिश नहीं रोक पाई, भारी बारिश में राहुल का संबोधन, टस से मस नहीं हुए लोग

कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने रविवार को भारत जोड़ो यात्रा के दौरान कर्नाटक के मैसूर में भारी बारिश के बीच हजारों लोगों को संबोधित किया, आंधी, तूफान और बारिश के बावजूद राहुल को सुनने पहुंची जनता भी टस से मस नहीं हुई।

Updated: Oct 03, 2022, 11:37 AM IST

मैसूर। कांग्रेस की भारत जोड़ो यात्रा तमाम बाधाओं को चीरते हुए आगे बढ़ रही है। इसी क्रम में गांधी जयंती के मौके पर कुछ ऐसा हुआ जिसने दुनियाभर में राहुल गांधी के दृढ़ निश्चय का डंका पीट दिया। दरअसल, कर्नाटक के मैसूर में रविवार देर शाम जब राहुल गांधी जनसभा को संबोधित करने वाले थे तब आंधी, तूफान के साथ जोरदार बारिश शुरू हो गई। लेकिन इस तूफान में भी राहुल का संबोधन नहीं रुका। इतना ही नहीं हजारों की भीड़ में से कोई भी टस से मस नहीं हुआ।

राहुल गांधी ने इस दौरान सांप्रदायिक ताकतों के खिलाफ हुंकार भरते हुए कहा कि, 'भारत जोड़ो यात्रा का लक्ष्य BJP और RSS द्वारा हिन्दुस्तान में फैलाई जा रही नफरत के खिलाफ खड़ा होना है। यह यात्रा कन्याकुमारी से कश्मीर तक चलेगी और किसी भी कीमत पर नहीं रुकेगी। जैसे आज यह बारिश भी हमें नहीं रोक पाई। नदी जैसी यह यात्रा कन्याकुमारी से कश्मीर तक जाएगी। गर्मी, तूफान, बारिश या ठंड से यह यात्रा नहीं रुकने वाली। इस नदी में आपको नफरत या हिंसा नहीं दिखेगी, सिर्फ प्यार और भाईचारा नज़र आएगा।'

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राहुल के इतना कहते ही वहां मौजूद लोग उत्साह से लबरेज हो गए। राहुल गांधी जिंदाबाद के नारों से आसमान गूंज उठा। सोशल मीडिया पर इसका वीडियो तेजी से वायरल हो रहा है। वीडियो में देखा जा सकता है कि कांग्रेस के सैकड़ों कार्यकर्ता बारिश में भींगते हुए अपने नेता को कितने उत्साह के साथ सुन रहे हैं। राहुल गांधी ने वीडियो शेयर करते हुए लिखा कि, 'भारत को एकजुट करने से, हमें कोई नहीं रोक सकता। भारत की आवाज़ उठाने से, हमें कोई नहीं रोक सकता। यह कन्याकुमारी से कश्मीर तक जाएगी, भारत जोड़ो यात्रा को कोई नहीं रोक सकता।'

इससे पहले राहुल गांधी ने रविवार को गांधी जयंती के प्रसंग पर महात्मा गांधी श्रद्धांजलि देते हुए कहा कि सत्ता में बैठे लोगों के लिए महात्मा गांधी की विरासत को हथियाना आसान है, लेकिन उनके पदचिह्नों पर चलना मुश्किल है। राहुल ने यहां एक खादी ग्रामोद्योग केंद्र का दौरा करने के बाद कहा कि महात्मा गांधी की हत्या करने वाली विचारधारा ने पिछले आठ वर्षों में असमानता, विभाजन और कड़ी मेहनत से हासिल की गई आजादी का क्षरण किया है।