कॉमन एंट्रेस परीक्षा दीजिए, पसंदीदा सेंट्रल यूनिवर्सिटी में एडमिशन लीजिए

सेंट्रल यूनिवर्सिटीज में एडमीशन के लिए छात्रों को देना होगा कॉमन एडमीशन टेस्ट, तैयारियों में जुटा UGC, NTA लेगा परीक्षा, साल 2021-22 सत्र से हो सकता है लागू, हाई कटआफ लिस्ट से छात्रों को मिलेगी मुक्ति

Updated: Dec 27, 2020, 02:05 PM IST

Photo Courtesy: DNA
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दिल्ली। नई शिक्षा नीति के तहत देश में शिक्षा के पैटर्न में कई तरह के बदलाव किए जा रहे हैं। इसी कड़ी में अब नीट और जेईई की तर्ज पर BA, BSC जैसे स्नातक कोर्सेज में एडमीशन के लिए एंट्रेस टेस्ट लेने की तैयारी की जा रही है। उम्मीद है कि आगामी शिक्षण सत्र में सेंट्रल यूनिवर्सिटीज में एडमीशन के लिए स्टूडेंट्स को कॉमन एंट्रेंस्ट टेस्ट देना पड़े। केंद्र सरकार इन एडमीशन टेस्ट में सफल छात्रों को केंद्रीय विश्वविद्यालयों में दाखिला देगी। अगर ऐसा होता है तो छात्रों को एडमीशन के लिए कट ऑफ नंबर से मुक्ति मिल जाएगी। जिसके बाद छात्रों को कॉमन टेस्ट में मिले नंबर्स के आधार पर दाखिला मिल सकेगा।

कॉमन एंट्रेंस टेस्ट होने से कालेज में एडमिशन के लिए 12वीं के नबंर की जगह एप्टीट्यूड टेस्ट में मिले नंबर के आधार पर कोर्स में दाखिला मिलेगा। इसके लिए यूजीसी की 7 सदस्यीय समिति बनाई है। जो एंट्रेंस टेस्ट के स्तर और पैटर्न तय करने में जुटी है। जो कि शिक्षण सत्र 2021-22 से लागू होने की उम्मीद है।

खबर है कि कॉमन एडमीशन टेस्ट में एक सामान्य परीक्षा होगी, पहला जनरल और एप्टीट्यूड का टेस्ट होगा जिससे छात्रों का एप्टीट्यूड पता चलेगा। इस पेपर में वर्बल, क्वांटिटेटिव, लॉजिकल और रीजनिंग सवाल पूछे जाएंगे। इस एप्टीट्यूड टेस्ट में पास होना जरूरी होगा। वहीं दूसरे पेपर के लिए विषय का चुनाव स्टूडेंट को खुद करना होगा। 

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अगर आप किसी खास सब्जेक्ट में रुचि रखते हैं तो आपको अपने मनपसंद यूनिवर्सिटी में एडमीशन के लिए एप्टीट्यूड टेस्ट देना पड़ेगा। एप्टीट्यूड टेस्ट में पास होने पर ही आप अंडर ग्रेजुएट कोर्स में दाखिला ले सकेंगे। लेकिन राह इतनी आसान भी नहीं होगी एप्टीट्यूड टेस्ट के बाद मेन स्पेशल सब्जेक्ट का पेपर भी देना अनिवार्य होगा। सेंट्रल यूनिवर्सिटीज के कामन एडमीशन टेस्ट प्रक्रिया लागू होने से विश्वविद्यालयों को कई एंट्रेंस एग्जाम और एडमिशन प्रोसेज नहीं करनी पड़ेगी।

यूनिवर्सिटी ग्रांट कमीशन के अध्यक्ष डीपी सिंह का कहना है कि सात सदस्यीय कमेटी एक महीने में अपनी रिपोर्ट पेश कर देगी। उसके बाद कामन एडमीशन टेस्ट के प्रारूप का खुलासा हो सकेगा। दाखिलों के लिए कॉमन एंट्रेंस टेस्ट देश की शिक्षा नीति का ही एक हिस्सा है। जिसके जरिए हाई कटआफ लिस्ट की चिंता से मुक्ति मिल सकेगी। यूजीसी की वेबसाइट के अनुसार देश में 54 केंद्रीय विश्वविद्यालय हैं। जहां लाखों की संख्या में छात्र हर साल दाखिला लेने के लिए आते हैं।