महाराष्ट्र में सिर्फ़ तीन दिन का कोविड वैक्सीन स्टॉक, आंध्र प्रदेश ने भी मांगा 1 करोड़ खुराक

महाराष्ट्र के स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि उनके पास वैक्सीन का सिर्फ तीन दिन का स्टॉक बचा है, ऐसे में अगर वैक्सीन की सप्लाई तेज़ी से नहीं हुई तो कई की स्वास्थ्य सेंटर बंद करने की नौबत आ सकती है

Updated: Apr 07, 2021, 10:21 AM IST

Photo courtesy: business Standard
Photo courtesy: business Standard

मुंबई। महाराष्ट्र के स्वास्थ्य मंत्री राजेश टोपे ने राज्य में कोविड वैक्सीन की कमी पर चिंता जताई है। उन्होंने लगभग चेतावनी देते हुए कहा है कि हमारे पास सिर्फ तीन दिनों के लिए वैक्सीन बची है, जबकि रोज़ाना लगभग पांच लाख वैक्सीन डोज़ की जरूरत है। उन्होंने केंद्र सरकार से आग्रह किया है कि उन्हें वैक्सीन के और डोज़ भेजे जाएं। उन्होंने कहा है कि "आज की तारीख में 14 लाख डोज उपलब्ध हैं, जिसका मतलब बस 3 दिनों का स्टॉक है.." उन्होंने इस बाबत केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉक्टर हर्षवर्धन से भी बात की है। उनका कहना है कि कई केंद्रों पर वैक्सीन खत्म हो गई है और हमें वैक्सीनेशन केंद्र बंद कराने की नौबत आ गई है। हालत ये हैं कि टीका लगवाने आ रहे लोगों को हमें वापस भेजना पड़ रहा है। 

महाराष्ट्र के स्वास्थ्य मंत्री राजेश टोपे का ऑक्सीजन की पूर्ति को लेकर कहा कि अभी 12 मैट्रिक टन ऑक्सीजन आ  रहा है। जिसमें 7 मैट्रिक टन ऑक्सीजन रोज़ इस्तेमाल हो रहा है। अग़र ऑक्सीजन की कमी होती है तो मेडिकल इंडस्ट्री के अलावा अन्य जगह की सप्लाई रोक दी जाएगी। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि कोविड के इलाज के लिए इस्तेमाल होने वाली दवा रेमडेसिवर की प्रति डोज कीमत 1100 से 1400 के बीच है। हमें बड़ी मात्रा में रेमडेसिवर दवा भी चाहिए, राज्य में कोरोना इस दवा की 50 हजार डोज की खपत है।'

बीएमसी ने भी राज्य में कोविड टीके की कमी का हवाला दिया है। मुंबई की मेयर किशोरी पेडनेकर ने भी वैक्सीन की कमी पर चिंता जताई है। उनका कहना है कि कोविशील्ड की बस एक लाख खुराक बची है, जबकि हमें सरकारी अस्पतालों को ज्यादा डोज देने की जरूरत है। असल में राज्य सरकार की चिंता ये है कि अगर केंद्र ने मदद नहीं की तो राज्य में कोविड वैक्सीन की दूसरी डोज के लिए वैक्सीन नहीं बची है। राज्य के स्वास्थ्य सचिव ने भी समाचार एजेंसी पीटीआई को बताया है कि कई ज़िलों में तो कल परसों तक के लिए ही वैक्सीन बची है और इस हालत के बारे में केंद्र को पता है। महाराष्ट्र के स्वास्थ्य सचिव के मुताबिक महाराष्ट्र में रोजाना चार लाख लोगों को वैक्सीन दी जा रही है।

एक आधिकारिक आंकड़े के मुताबिक महाराष्ट्र सरकार ने 1.06 करोड़ कोविड वैक्सीन के डोज प्राप्त किए थे, जिसमें से 88 लाख डोज का इस्तेमाल हो चुका है और तीन फीसदी डोजेज नष्ट हो चुके हैं। राज्य में अबतक कुल 82 लाख लोगों को कोविड वैक्सीन लग चुकी है। स्वास्थ्य मंत्री टोपे ने कहा है कि, ''महाराष्ट्र में वैक्सीन बर्बाद होने की दर मात्र तीन प्रतिशत है जो राष्ट्रीय औसत से आधी है, राष्ट्रीय औसत 6 फ़ीसदी है।

लेकिन महाराष्ट्र में कोरोना के हालात चिंताजनक हैं। बीते चौबीस घंटों में वहां 55 हज़ार से ज्यादा कोरोना संक्रमित मरीज़ पाए गए हैं। कोरोना की दूसरी लहर में सबसे ज्यादा प्रभावित राज्यों में महाराषट्र नंबर वन पर आ गया है। ऐसे में राज्य सरकार के हाथ-पांव फूल रहे हैं। रोकथाम की कोशिशों में कर्फ्यू से लेकर लॉकडाउन और धारा 144 तक लगाई गई है। लेकिन हालात भयावह ना हो जाएं इसलिए राज्य ने केंद्र को पहले से आगाह कर दिया है।

महाराष्ट्र ही नहीं, आंध्र प्रदेश ने भी सरकार से वैक्सीन की मांग की है। आंध प्रदेश सरकार ने तत्काल 1 करोड़ डोज की मांग रखी है। राज्य सरकार का कहना है कि उनके पास 3.7लाख डोज है, और रोज़ाना लगभग 1.3 लाख डोज की जरूरत है। 1 करोड़ वैक्सीन आ जाने से टीकाकरण में तेज़ी आएगी।