हमारे प्रधानमंत्री आदतन झूठे हैं, प्रोजेक्ट चीता की क्रेडिट लेने पर भड़की कांग्रेस, 2009 की चिट्ठी जारी कर बताई असलियत
प्रधानमंत्री मोदी ने शनिवार को पिछली सरकारों पर निशाना साधते हुए कहा था कि सात दशक पहले देश से विलुप्त हो जाने के बाद भारत में चीतों को फिर से लाने के लिए कोई रचनात्मक प्रयास नहीं किए गए।

नई दिल्ली। प्रोजेक्ट चीता की क्रेडिट लेने के लिए बीजेपी सरकार ने तमाम कोशिशें की। पीएम मोदी ने अपने जन्मदिन पर चीतों को कूनो नेशनल पार्क में छोड़ते हुए कहा कि भारत में चीतों को फिर से लाने के लिए पिछली सरकारों ने कोई प्रयास नहीं किए। अब कांग्रेस ने असलियत बताते हुए कहा कि चीतों को भारत लाने की पहल यूपीए सरकार ने की थी। कांग्रेस ने प्रधानमंत्री मोदी को आदतन झूठा करार दिया है।
कांग्रेस संचार विभाग के प्रमुख जयराम रमेश ने एक पत्र जारी करते हुए ट्वीट किया, ‘यह वो पत्र है, जिसके जरिए 2009 में ‘प्रोजेक्ट चीता' शुरू किया गया था। हमारे प्रधानमंत्री आदतन झूठे हैं। मैं कल इस पत्र को जारी नहीं कर सका क्योंकि मैं ‘भारत जोड़ो यात्रा' में व्यस्त था।'
This was the letter that launched Project Cheetah in 2009. Our PM is a pathological liar. I couldn’t lay my hands on this letter yesterday because of my preoccupation with the #BharatJodoYatra pic.twitter.com/3AQ18a4bSh
— Jairam Ramesh (@Jairam_Ramesh) September 18, 2022
6 अक्टूबर 2009 के यह पत्र तत्कालीन पर्यावरण और वन मंत्री जयराम रमेश ने भारतीय वन्यजीव ट्रस्ट के एम. के. रंजीतसिंह को लिखा था। इसमें रमेश ने रंजीत सिंह को चीतों के पुनर्वास के लिए एक कार्ययोजना तैयार करने और उसमें पुनर्वास के लिये विभिन्न संभावित स्थलों का विस्तृत विश्लेषण शामिल करने को कहा था। पत्र सामने आने के बाद बीजेपी ने चुप्पी साध ली है।
बता दें कि शनिवार को मध्य प्रदेश के श्योपुर जिले के कुनो नेशनल पार्क में नामीबिया से लाए गए चीतों को विशेष बाड़ों में छोड़ने के बाद पीएम मोदी से अपने सरकार की जमकर प्रशंसा की थी। उन्होंने पिछली सरकारों पर निशाना साधते हुए कहा था कि सात दशक पहले देश से विलुप्त हो जाने के बाद भारत में चीतों को फिर से लाने के लिए कोई रचनात्मक प्रयास नहीं किए गए।
'प्रोजेक्ट चीता' का प्रस्ताव 2008-09 में तैयार हुआ।
— Congress (@INCIndia) September 16, 2022
मनमोहन सिंह जी की सरकार ने इसे स्वीकृति दी।
अप्रैल 2010 में तत्कालीन वन एवं पर्यावरण मंत्री @Jairam_Ramesh जी अफ्रीका के चीता आउट रीच सेंटर गए।
2013 में सुप्रीम कोर्ट ने प्रोजेक्ट पर रोक लगाई, 2020 में रोक हटी।
अब चीते आएंगे pic.twitter.com/W1oBZ950Pz
हालांकि, सच्चाई यह है कि 'प्रोजेक्ट चीता' का प्रस्ताव 2008-09 में तैयार हुआ। तत्कालीन प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने इसे स्वीकृति दी। अप्रैल 2010 में तत्कालीन वन एवं पर्यावरण मंत्री जयराम रमेश स्वयं अफ्रीका गए थे और चीता आउट रीच सेंटर में चीतों का निरीक्षण किया था। हालंकि, किसी कारणवश साल 2013 में सुप्रीम कोर्ट ने इस प्रोजेक्ट पर रोक लगा दी। सात साल लंबी कानूनी लड़ाई के बाद साल 2020 में कोर्ट की रोक हटी। इस तरह केंद्र में मोदी सरकार के रहते चीते भारत आए।