Padma Awards 2025: पद्म पुरस्कारों की घोषणा, MP से तीन लोगों को मिला अवॉर्ड
पद्म पुरस्कारों के लिए मध्य प्रदेश से तीन गुमनाम नायकों का चयन हुआ है। इनमें जगदीश जोशीला, भेरू सिंह चौहान और शैली होल्कर का नाम शामिल है।

नई दिल्ली/भोपाल। गणतंत्र दिवस की पूर्व संध्या पर राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने पद्म पुरस्कारों की घोषणा की। इस साल 30 हस्तियों को पद्म पुरस्कारों से सम्मानित किया जाएगा। इसके लिए मध्य प्रदेश के तीन गुमनाम नायकों का चयन हुआ है। इनमें जगदीश जोशीला, भेरू सिंह चौहान और शैली होल्कर का नाम शामिल है।
जगदीश जोशीला निमाड़ी से हैं और साहित्य एवं शिक्षा के क्षेत्र में अहम कार्य कर रहे हैं। भेरू सिंह चौहान का संबंध निर्गुण गायन से है। वहीं, महिला सशक्तिकरण की मुखर समर्थक 82 वर्षीय सैली होलकर ने विलुप्त हो रही माहेश्वरी कला को पुनर्जीवित किया है, जिनको यह सम्मान दिया जाना है।
वहीं, छत्तीसगढ़ के पंडी राम मंडावी को पद्मश्री सम्मान दिया जाएगा। छत्तीसगढ़ के नारायणपुर से आने वाले पंडी राम मंडावी ने अपनी काष्ठ कला के माध्यम से अबूझमाड़ के आदिवासियों की जीवन शैली, संस्कृति और परंपरा को देश-विदेश में विशिष्ट पहचान दिलाई है। उन्होंने अपने पिता से विरासत में मिली इस कला को न केवल संरक्षित किया, बल्कि इसमें नए आयाम जोड़कर इसे नई ऊंचाइयों तक पहुंचाया है।
इसके अलावा राजस्थान की लोकगायिका बतूल बेगम को पद्म सम्मान दिया जाएगा। गोवा स्वतंत्रता आंदोलन की सेनानी लीबिया लोबो सरदेसाई, दिल्ली की स्त्री रोग विशेषज्ञ डॉ. नीरजा भटला, सामाजिक कार्यकर्ता भीम सिंह भावेश ,दक्षिण भारतीय संगीतकार पी. दत्चनमूर्ति, नगालैंड के फल किसान एल. हैंगथिंग को भी पद्मश्री से सम्मानित किया जाएगा।
लिस्ट में कुवैत की योग प्रैक्टिशनर अल सबाह का भी नाम है। उन्हें योग मेडिसिन में पद्मश्री अवॉर्ड दिया गया। इन्होंने अपने देश में पहला लाइसेंस प्राप्त योग स्टूडियो की स्थापना की। इसके जरिए अल सबा ने गल्फ देशों में आधुनिक विधियों से योग को बढ़ावा दिया।साथ ही शेम्स यूथ योगा की सह-स्थापना की। यह 0 से 14 साल के बच्चों के लिए एक व्यापक पाठ्यक्रम प्रदान करता है।
वहीं, ब्राजील के मैकेनिकल इंजीनियर से हिंदू आध्यात्मिक गुरु बने जोनास मेसेट का भी नाम है। उन्होंने ने भारतीय अध्यात्म, दर्शन और संस्कृति को बढ़ावा दिया। साथ ही उन्होंने वेदांत ज्ञान पर वैश्विक स्तर पर शिक्षा आसान बनाई। मैसेट 'विष्वनाथ' के नाम से जाने जाते हैं। 2014 में, उन्होंने विश्व विद्या की स्थापना की। इसका कार्यालय रियो डी जनेरियो में है।