सच बोलने की कीमत चुकाई, सरकारी आवास खाली करते समय बोले राहुल गांधी, खुद दरवाजा लॉक कर सौंपी चाबी

दिल्ली में सरकारी आवास खाली करने के बाद राहुल गांधी ने कहा कि ये घर 19 साल के लिए देश की जनता ने मुझे दिया था। मुझसे आज ये छीन लिया गया। सच्चाई बोलने की आज जो कीमत है, वो मैं चुका रहा हूं।

Updated: Apr 23, 2023, 09:08 AM IST

नई दिल्ली। कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने 12 तुगलक लेन स्थित अपना सरकारी बंगला खाली कर दिया है। 
उन्होंने अपने सरकारी बंगले की चाबी लोकसभा सचिवालय के अधिकारियों को सौंप दी। राहुल ने बंगले के दरवाजा खुद ही लॉक किया और लोकसभा सचिवालय के स्टाफ के हाथ में चाबी दी, हाथ मिलाया और निकल गए। इस दौरान मां सोनिया गांधी और बहन प्रियंका गांधी भी उनके साथ थीं।

राहुल गांधी ने बंगला खाली करने के बाद वहां से निकलते वक्‍त मीडिया से बातचीत में कहा कि अमेठी से 2004 में सांसद चुने जाने के बाद 2005 में उन्हें यह बंगला मिला था। उन्होंने कहा, "हिंदुस्तान की जनता ने 19 साल के लिए मुझे ये घर दिया। मैं उनको धन्यवाद देना चाहता हूं। मैंने सच बोलने की कीमत चुकाई है। मैं सच बोलने के लिए आगे भी कोई भी कीमत चुकाने के लिए तैयार हूं।"

वहीं, कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी ने कहा कि मेरे भाई ने जो भी कहा, वह एकदम सच है। उन्होंने सरकार की सच्चाई बताई, इसलिए उनके साथ ये सब हो रहा है। लेकिन वे बहुत हिम्मत वाले हैं, डरते नहीं है। हम नहीं डरेंगे और अपना संघर्ष जारी रखेंगे।

राहुल गांधी बंगला खाली करने के बाद वहां से 10 जनपथ स्थित अपनी मां सोनिया गांधी का आवास के लिए निकल गए। अब वे वहीं रहेंगे। इससे पहले केंद्र की मोदी सरकार ने SPG सिक्योरिटी कवर हटने के बाद प्रियंका गांधी का लोधी इस्टेट स्थित बंगला भी खाली करवा लिया था।

बता दें कि सूरत की एक अदालत ने राहुल गांधी को मानहानि मामले में दोषी ठहराते हुए दो साल की सजा सुनाई थी। इसके अगले ही दिन विद्युत की गति से उन्‍हें लोकसभा से सांसद के रूप में अयोग्‍य घोषित कर दिया गया। इसके बाद लोकसभा सचिवालय की ओर से 22 अप्रैल तक बंगला खाली करने के लिए नोटिस दिया गया था और आज बंगला खाली करने का आखिरी दिन था। ऐसे में राहुल गांधी ने बिना देर किए बंगला खाली कर दिया।