प्रधानमंत्री मोदी ने फिर कहा, कृषि कानूनों को लेकर किसानों में फैलाया जा रहा भ्रम

वाराणसी में देव दीपावली के मौक़े पर दिए भाषण में मोदी ने विपक्ष पर छल करने का आरोप लगाया, अपनी नीयत को गंगाजल की तरह पवित्र बताया

Updated: Dec 01, 2020, 12:32 AM IST

Photo Courtesy : Hindustan
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वाराणसी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपनी सरकार के बनाए कृषि कानूनों के खिलाफ जारी किसान आंदोलन के बीच विपक्षी दलों पर तीखा हमला बोला है। वाराणसी में देव दीपावली मनाने पहुंचे मोदी ने विपक्ष पर दशकों तक किसानों से छल करने का आरोप लगाया और अपनी नीयत गंगाजल की तरह पवित्र होने का दावा भी किया। मोदी ने आरोप लगाया कि दशकों तक किसानों को लूटने वाले अब उनमें भ्रम और आशंका फैला रहे हैं। प्रधानमंत्री ने दावा किया कि उनकी सरकार छल से नहीं, गंगाजल जैसी साफ नीयत के साथ किसानों के हित में जुटी है।

प्रधानमंत्री ने सोमवार को अपने संसदीय क्षेत्र पहुंचकर प्रयागराज-वाराणसी 6 लेन हाईवे का लोकार्पण भी किया। इस दौरान उन्होंने अपने भाषण की शुरुआत देव दीपावली की शुभकामनाओं के साथ की। तकरीबन 40 मिनट के भाषण में मोदी ने बनारस के दशहरी और लंगड़े आम से किसानों की बात शुरू की और फिर अपनी सरकार के बनाए विवादास्पद कृषि कानूनों के बचाव में लग गए।  

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प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, 'एमएसपी और यूरिया के नाम पर दशकों तक छल करने वाले अब कृषि कानूनों पर झूठा डर दिखा रहे हैं। जो कभी होने वाला ही नहीं है, उसे लेकर भ्रम फैलाया जा रहा है।' मोदी ने कहा कि पिछले कुछ समय से एक अलग ही ट्रेंड देश में देखने को मिल रहा है। पहले सरकार का कोई फैसला अगर किसी को पसंद नहीं आता था तो उसका विरोध होता था, लेकिन बीते कुछ समय से हम देख रहे हैं कि अब विरोध का आधार फैसला नहीं, बल्कि आशंकाओं को बनाया जा रहा है।

छल से नहीं गंगाजल जैसी नीयत से काम करने का दावा

मोदी ने इस दौरान दावा किया कि वह छल से नहीं बल्कि गंगाजल जैसी पवित्र नीयत से काम कर रहे हैं। पीएम ने कहा, 'मैं काशी की पवित्र धरती से कहना चाहता हूं कि अब छल से नहीं, गंगाजल जैसी नीयत से काम किया जा रहा है। भ्रम फैलाने वालों की सच्चाई अब देश के सामने आ रही है। आज जिन किसानों को कृषि सुधारों पर शंकाएं हैं, वे भी भविष्य में इनका लाभ उठाएंगे। अगर कोई पुराने सिस्टम से ही लेनदेन को ठीक समझता है तो उस पर भी कहीं कोई रोक नहीं लगी। नया कानून किसानों के लिए फायदेमंद है और इसमें किसानों को और आजादी दी गई है।'

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किसानों के सामने झुकी केंद्र सरकार

बता दें कि देशभर के किसान पिछले कई दिनों से दिल्ली की सीमाओं पर जमा होकर मोदी सरकार के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे हैं। दिल्ली आने के रास्ते में हरियाणा और यूपी की सरकारों ने किसानों के रास्ते में बाधाएं खड़ी करने के लिए जिस तरह की हरकतें कीं, उनकी देश भर में कड़ी निंदा हो रही है। मोदी सरकार के खिलाफ किसानों का गुस्सा बढ़ता जा रहा है। हालांकि दिल्ली में रहते हुए तो पिछले कुछ दिनों में मोदी ने इस मुद्दे पर ज़ुबान नहीं खोली, लेकिन वाराणसी के कार्यक्रम में मौका देखकर वो डैमेज कंट्रोल की कोशिश करने लगे। 

इस बीच, चौतरफा दबाव और आलोचनाओं के बीच मोदी सरकार आखिरकार आंदोलन कर रहे किसानों से बिना शर्त बातचीत के लिए तैयार हो गई है। हालांकि इससे पहले गृह मंत्री अमित शाह किसानों के सामने शर्त रख रहे थे कि वे दिल्ली बॉर्डर छोड़कर बुराड़ी के ग्राउंड में जाएंगे, तभी उनसे बातचीत होगी। लेकिन किसानों ने शाह का यह प्रस्ताव बड़ी बेरुखी से ठुकरा दिया था। इसी के बाद आज आखिरकार मोदी सरकार को किसानों से बिना शर्त बातचीत के लिए तैयार होना पड़ा।