G-7 समिट में वर्चुअली शामिल हुए पीएम मोदी, कोरोना काल में मदद के लिए सभी देशों का किया धन्यवाद
जी-7 शिखर सम्मेलन में इस बार भारत के अलावा ऑस्ट्रेलिया, दक्षिण कोरिया और दक्षिण अफ्रीका को भी बतौर मेहमान देश आमंत्रित किया गया है

नई दिल्ली। ब्रिटेन के निमंत्रण पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जी-7 शिखर सम्मेलन में वर्चुअली हिस्सा लिया। पीएम मोदी जी-7 के जिस सत्र में शामिल हुए उसका नाम था 'बिल्डिंग बैक स्ट्रांगर हेल्थ'। यह सत्र कोरोना महामारी व भविष्य की महामारियों को लेकर था। पीएम मोदी ने भी अपने भाषण में हेल्थ पर बात की। इस दौरान उन्होंने 'वन अर्थ वन हेल्थ' का मंत्र दिया।
दरअसल, इस बार भारत, ऑस्ट्रेलिया, रिपब्लिक ऑफ कोरिया और दक्षिण अफ्रीका को G7 शिखर सम्मेलन के लिए अतिथि देशों के रूप में आमंत्रित किया गया है। जी-7 में कनाडा, फ्रांस, जर्मनी, इटली, जापान, अमेरिका और ब्रिटेन शामिल हैं। इस बार ब्रिटेन इस सम्मेलन की अध्यक्षता कर रहा है और ब्रिटेन के निमंत्रण पर ही पीएम मोदी ने सत्र में हिस्सा लिया।
Participated in the @G7 Summit session on Health. Thanked partners for the support during the recent COVID-19 wave.
— Narendra Modi (@narendramodi) June 12, 2021
India supports global action to prevent future pandemics.
"One Earth, One Health" is our message to humanity. #G7UK https://t.co/B4qLmxLIM7
पीएम ने सम्मेलन को संबोधित करने के बाद ट्वीट कर बताया कि सम्मेलन में कोविड-19 की दूसरी लहर के दौरान भारत को समर्थन देने वाले देशों को धन्यवाद कहा। उन्होंने कहा कि भारत भविष्य में ऐसे किसी महामारी से निपटने के वैश्विक प्रयासों का समर्थन करता है। मानवता के लिए 'वन अर्थ, वन हेल्थ' हमारा संदेश है। पीएम ने कहा कि भविष्य की महामारी को रोकने के लिये वैश्विक एकता की जरूरत है। प्रधानमंत्री ने WTO में वैक्सीन पेटेंट में छूट के लिये G-7 का समर्थन मांगा।
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मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक़ इस बैठक के दौरान फ्रांस के राष्ट्रपित इमेनुएल मैक्रों ने भारत समेत दूसरे देशों को वैक्सीन के कच्चे माल की आपूर्ति में छूट देने की मांग की। उन्होंने कच्चे माल से बैन हटाने की मांग पर जोर देते हुए कहा कि वैक्सीन बनाने वाले देशों को इसके लिए कच्चा माल मिलना चाहिए। बैठक में ऑस्ट्रेलिया के प्रधानमंत्री ने भी वैक्सीन पर भारत को रियायत देने की वकालत की। साथ ही उन्होंने भरोसा दिया कि वो वैक्सीन के मुद्दे पर भारत की मदद करेंगे।