पुलिस सबकी सुरक्षा नहीं कर सकती, नूह हिंसा को लेकर हरियाणा सीएम का अजीबोगरीब बयान

हरियाणा के सीएम मनोहर लाल खट्टर ने नूंह हिंसा को लेकर प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान ऐसा कुछ कहा जिस पर सवाल उठना लाजिमी है। उन्होंने कहा कि प्रदेश की आबादी 2.7 करोड़ है जबकि पुलिस 60 हजार, ऐसे में हर व्यक्ति की सुरक्षा की गारंटी नहीं ली जा सकती है।

Updated: Aug 03, 2023, 09:43 AM IST

गुरुग्राम। हरियाणा के नूंह (मेवात) में विश्व हिंदू परिषद की ब्रज मंडल यात्रा के दौरान हुई हिंसा में अब तक कम से कम 6 लोगों की मौत हो चुकी है। नूंह हिंसा को लेकर प्रेस कॉन्फ्रेंस में सीएम मनोहर लाल खट्टर ने हैरान करने वाला बयान दिया है। सीएम खट्टर ने कहा कि प्रदेश में 2.7 करोड़ की आबादी है, ऐसे में हर व्यक्ति की सुरक्षा की गारंटी पुलिस नहीं ले सकती।

नूंह और गुरुग्राम में जहां दंगाइयों ने दो दिन तक कानून हाथ में लेकर पुलिस को नाकों चने चबवाए, जमकर हंगामा काटा, दुकानों को आग लगाई, ऐसे में राज्य के मुखिया का यह बयान उपद्रवियों के हौसले बढ़ाने जैसा है। उपद्रवियों से निपटने में पुलिस और प्रशासन की विफलता को स्वीकार न कर सीएम खट्टर सफाई देने में जुट गए और बड़बोलेपन का शिकार हो गए। सवाल है कि अगर आम जनता की सुरक्षा की जिम्मेदारी की नहीं तो फिर किसकी है?

नूंह हिंसा को लेकर सीएम खट्टर ने कहा, 'सबकी सुरक्षा पुलिस नहीं कर सकती है। पुलिस, आर्मी की गारंटी कोई नहीं ले सकता। हम हर किसी की सुरक्षा नहीं कर सकते हैं।' अपनी बात को स्पष्ट करते हुए कहा, 'देश की आबादी 130 करोड़ है जिसमें से 2.7 करोड़ हरियाणा की है जबकि पुलिसकर्मी 60 हजार के करीब है तो ऐसे में हर किसी की सुरक्षा कैसे होगी।'

खट्टर ने बताया कि हिंसा में अब तक 6 लोगों की मौत हो चुकी है। इसमें 2 पुलिसकर्मी और 4 नागरिक शामिल हैं। इस केस में अभी तक 116 गिरफ्तारियां हो चुकी हैं जबकि 190 आरोपी हिरासत में हैं। उन्होंने कहा कि यह तय किया गया है कि दंगाइयों की पहचान की जाएगी और उन्हें मुआवजा देने के लिए उत्तरदायी बनाया जाएगा।

खट्टर ने कहा कि एक अधिनियम पारित किया है जिसमें यह प्रावधान है कि सरकार सार्वजनिक संपत्ति के नुकसान के लिए मुआवजा जारी करती है लेकिन जहां तक प्राइवेट प्रॉपर्टी का सवाल है जिन लोगों ने नुकसान पहुंचाया है वे इसकी भरपाई के लिए उत्तरदायी हैं। इसलिए, हम सार्वजनिक संपत्ति के नुकसान के लिए प्रावधान करेंगे और निजी संपत्ति के लिए हम कहेंगे कि उन लोगों से मुआवजा वसूला जाए जो इसके लिए उत्तरदायी हैं।