राहुल गांधी: कोरोना को अब तक नहीं समझ पाए हैं प्रधानमंत्री मोदी, वैक्सीनेशन ही है कोरोना का स्थायी समाधान

राहुल ने साधा पीएम को कोरोना की दूसरी लहर के लिए ज़िम्मेदार ठहराते हुए कहा है कि वैक्सीन कैपिटल होने के बाद भी सिर्फ तीन फीसदी लोगों को ही लगी है भारत में वैक्सीन की दोनों डोज

Updated: May 28, 2021, 09:53 AM IST

Photo Courtesy: The Quint
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नई दिल्ली। राहुल गांधी का आरोप है कि कोरोना की दूसरी लहर के लिए पूर्ण रूप से प्रधानमंत्री मोदी ही ज़िम्मेदार हैं। राहुल गांधी मानते हैं कि मोदी अब तक कोरोना को समझ नहीं पाए हैं। उन्होंने एक वर्चुअल प्रेस कांफ्रेंस में कहा है कि इस लड़ाई पर जीत पाने के लिए वैक्सीनेशन ही एकमात्र स्थायी समाधान है और जरूरत इस बात की है सरकार कोरोना में प्रवेश के सारे रास्ते बंद करे। अगर केंद्र की तरफ से मेरा-तेरा, इसका-उसका होगा यानी राज्यों के साथ भेदभाव किया जाएगा तो कोरोना को पैठ बनाने का मौका मिलेगा। 

राहुल ने कहा कि प्रधानमंत्री आज तक कोरोना को नहीं समझ पाए हैं। यह कोरोना सिर्फ बीमारी नहीं बल्कि एक बदलती हुई बीमारी है। राहुल ने कहा कि उन्होंने पहले ही पीएम से कहा था कि कोरोना को स्पेस नहीं दीजिए, सारे दरवाज़े बंद कर दीजिए। उन्होंने पीएम से यह भी कहा था कि यह बीमारी सबसे पहले उन लोगों पर आक्रमण करती है जिनके पास भोजन नहीं है, फिर गंभीर बीमारी से जूझ रहे लोगों पर यह आक्रमण करती है। 

राहुल ने कहा कि इस बीमारी का स्थायी समाधान वैक्सीनेशन ही है। लॉकडाउन, सामाजिक दूरी और मास्क यह सब समाधान तो हैं लेकिन अस्थाई हैं। राहुल ने भारत में वैक्सीनेशन की मंद पड़ी रफ्तार को लेकर भी अपनी चिंता ज़ाहिर की। कांग्रेस नेता ने कहा कि यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि भारत वैक्सीन कैपिटल होने के बावजूद महज़ तीन फीसदी लोगों को ही वैक्सीन की दोनों डोज लगा पाया है। 

राहुल ने ब्राज़ील और अमेरिका में भी वैक्सिनेशन का उदाहरण दिया है। उन्होंने कहा कि ब्राज़ील वैक्सिनेशन कैपिटल नहीं है, लेकिन इसके बावजूद ब्राज़ील ने अपनी आठ फीसदी आबादी का टीकाकरण कर दिया है। अमेरिका ने भी अपनी आधी आबादी का टीकाकरण कर दिया है। लेकिन भारत वैक्सीनेशन की दौड़ में काफी पीछे रह गया है। 

कांग्रेस नेता ने कहा कि अगर हमें इस लड़ाई पर जीत पानी है तो जल्द से जल्द वैक्सीनेशन की रफ्तार बढ़ानी होगी। राहुल गांधी ने कहा कि आगर वैक्सिनेशन की रफ्तार ऐसे ही कम रही तो भारत में पूरी आबादी को वैक्सिनेट करते करते तीन साल और यानी 2024 हो जाएगा । इस दौरान न जाने कोरोना की कितनी लहरें आएंगी और बड़ी बड़ी आबादी को अपना शिकार बनाएंगी।