किस बात की माफी, बिल्कुल नहीं, सरकार के माफीनामे वाले प्रस्ताव पर राहुल गांधी का पलटवार

12 सांसदों के निलंबन मामले में सरकार का प्रस्ताव, वे माफी मांगेंगे तो निलंबन वापिस हो सकता है, राहुल गांधी ने स्पष्ट रूप से किया इनकार, बोले- जनता की आवाज उठाने के लिए माफी नहीं मांगेंगे

Updated: Nov 30, 2021, 09:28 AM IST

Photo Courtesy: Deccan Herald
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नई दिल्ली। संसद शीतकालीन सत्र के पहले ही दिन 12 सांसदों के निलंबन का मामला तूल पकड़ता जा रहा है। विपक्षी पार्टियों का एक प्रतिनिधिमंडल  निलंबन वापसी की मांग लेकर सभापति के पास गया था। लेकिन सभापति ने इसके लिए साफ इनकार कर दिया। अब सरकार ने प्रस्ताव दिया है कि यदि सभी सांसद माफी मांग लें तो निलंबन वापस लिया जा सकता है। केंद्र के इस प्रस्ताव का राहूल गांधी ने मुखरता से विरोध करते हुए कहा है कि एक भी सांसद माफी नहीं मांगेंगे।

राहुल गांधी ने ट्वीट किया, 'किस बात की माफ़ी? संसद में जनता की बात उठाने की? बिलकुल नहीं!' 

राहुल के इस ट्वीट पर प्रतिक्रिया देते हुए पीयूष गोयल ने कहा है कि क्या अपने सांसदों के कृत्य का समर्थन करते हैं। इससे पहले केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल ने ही सरकार की ओर से माफीनामे का प्रस्ताव दिया था। गोयल ने सदन में कहा कि, 'जिन सांसदों को सस्पेंड किया गया है अगर वे अपने व्यवहार के लिए सदन और सभापति से माफ़ी मांगे और साथ ही सदन को सुचारू रूप से चलाने में सहयोग करें तो सदन निलंबन वापिस लेने का निर्णय कर सकती है।'

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उधर 12 निलंबित सांसदों ने भी स्पष्ट कह दिया है कि वे माफी नहीं मांगेंगे बल्कि इस एक्शन के खिलाफ उप राष्ट्रपति वैंकेया नायडू को पत्र लिखेंगे। निलंबित सांसदों ने बुधवार को संसद भवन परिसर में गांधी प्रतिमा के सामने धरना देने का फैसला लिया है। राज्यसभा सांसदों के निलंबन के मसले पर लोकसभा में भी गतिरोध बरकरार है। इस गतिरोध को खत्म करने के लिए स्पीकर ओम बिड़ला ने सदन के फ्लोर लीडर्स की बैठक बुलाई है।

बता दें कि सोमवार को अनुशासनहीनता का हवाला देकर राज्यसभा से कुल बारह सांसदों को निलंबित कर दिया गया है। निलंबित सांसदों में सबसे अधिक सांसद कांग्रेस पार्टी के 6 सांसद शामिल हैं। इनमें कांग्रेस से रिपुन बोरा, छाया वर्मा, फूलो देवी नेताम, राजामणि पटेल, सैयद नासिर हुसैन, अखिलेश प्रसाद सिंह शामिल हैं। वहीं शिवसेना की प्रियंका चतुर्वेदी और अनिल देसाई, टीएमसी की डोला सेन और शांता छेत्री को निलंबित किया गया है। जबकि सीपीआई के बिनय विश्वम वहीं सीपीएम के एलामरम करीम को ऊपरी सदन से निलंबित किया गया है।