Rahul Gandhi: प्रेम, करुणा और न्याय के प्रतीक हैं राम

Ram Temple: राम प्रेम हैं, वे घृणा में प्रकट नहीं हो सकते। राम करुणा हैं, वे क्रूरता में प्रकट नहीं हो सकते। राम न्याय हैं, वे कभी अन्याय में प्रकट नहीं हो सकते।'

Updated: Aug 06, 2020, 05:03 AM IST

courtsey : Patrika
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नई दिल्ली। उत्तरप्रदेश के अयोध्या में राम मंदिर निर्माण के लिए भूमि पूजन का कार्यक्रम शुरु हो चुका है। राम मंदिर भूमिपूजन को लेकर देशभर के दिग्गज नेता और बॉलीवुड हस्तियां लगातार ट्वीट कर अपनी राय रख रहे हैं। कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने इस अवसर पर ट्वीट कर राम को प्रेम, करुणा और न्याय बताया है। वहीं शिवसेना ने कहा है कि आज बालासाहब ठाकरे के सपना पूरा हुआ। 

राहुल गांधी ने ट्वीट कर कहा, 'मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान राम सर्वोत्तम मानवीय गुणों का स्वरूप हैं। वे हमारे मन की गहराइयों में बसी मानवता की मूल भावना हैं। राम प्रेम हैं, वे कभी घृणा में प्रकट नहीं हो सकते। राम करुणा हैं, वे कभी क्रूरता में प्रकट नहीं हो सकते। राम न्याय हैं, वे कभी अन्याय में प्रकट नहीं हो सकते।'

 

बालासाहब का सपना पूरा हुआ

शिवसेना ने राम मंदिर निर्माण के लिए आयोजित भूमिपूजन को लेकर कहा है कि, बालासाहब ठाकरे का यह सपना था। राम मंदिर निर्माण कार्य शुरू होने के साथ बाला साहब का सपना भी पूरा हो गया। शिवसेना ने वरिष्ठ नेता ने संजय राउत ने एक पिक्चर ट्वीट की है जिसमें मराठी में लिखा है कि बाला साहब ठाकरे का सपना पूरा हुआ। इस तस्वीर में एक मंदिर है जो श्रीराम शब्द से बनी हुई है और उसके नीचे लिखा है कि, 'गर्व से कहो हम हिन्दू हैं।' 

 

बाबरी गिराने वालों पर गर्व

शिवसेना ने कहा है कि बाबरी मस्जिद गिराने वालों पर उसे गर्व है। पार्टी ने अपने मुख्यपत्र सामना में छपे एक संपादकीय में कहा, 'बाबरी गिराने वाले शिवसैनिकों पर हमें गर्व है। सभी के त्याग, संघर्ष, रक्त और बलिदान से आज का राम मंदिर अयोध्या में साकार रूप ले रहा है। अयोध्या की मिट्टी में कारसेवकों के त्याग की गंध है। इसे भूलने वाले रामद्रोही साबित होंगे। बाबरी के पतन से संघर्ष समाप्त हो गया। सारा देश आज एक ही सुर में गरज रहा है। जय श्री राम।'

राज्यसभा सदस्य बने मंदिर के पक्ष में फैसला देने वाले जज

राम मंदिर निर्माण को लेकर बीजेपी के वरिष्ठ नेता सुब्रमण्यम स्वामी ने कहा था कि इसमें पीएम नरेंद्र मोदी का कोई योगदान नहीं है। उन्होंने इसके लिए पूर्व प्रधानमंत्री दिवंगत राजीव गांधी, पीवी नरसिम्हा राव और अशोक सिंघल को श्रेय दिया था। शिवसेना ने स्वामी के इस बयान को खारिज करते हुए मोदी को भी इसका श्रेय दिया है। पार्टी ने सामना में लिखा है कि पीएम मोदी के कार्यकाल में न्यायालय का दांव पेंच सुलझा और आज यह स्वर्णिम क्षण आ गया। मोदी के इस दिशा में कार्य किए इसे स्वीकार करना ही होगा। ऐसा न होता तो राम मंदिर के पक्ष में निर्णय देने वाले मुख्य न्यायाधीश रंजन गोगोई रिटायर होने के बाद तुरंत बीजेपी कोटे से राज्यसभा का सदस्य नहीं बने होते।