Corona Warriors On Strike: वेतन न मिलने पर हिंदूराव हॉस्पिटल के डॉक्टर अनिश्चितकालीन भूख हड़ताल पर बैठे
Hindurao Hospital Strike: तीन महीने से नहीं मिला है स्वास्थकर्मियों को वेतन, नगर निगम और दिल्ली सरकार एक दूसरे पर डालते हैं जिम्मेदारी

दिल्ली। दिल्ली एनडीएमसी मेडिकल कॉलेज और हिंदू राव अस्पताल के रेजिडेंट डॉक्टर्स कई महीनों से वेतन नहीं मिलने की मांग को लेकर अनिश्चितकालीन हड़ताल भूख हड़ताल पर बैठ गए हैं। डॉक्टरों का कहना है कि जब तक उन्हें पूरा वेतन नहीं मिल जाता है, तब तक उनकी भूख हड़ताल जारी रहेगी। पिछले कई दिनों से स्वास्थकर्मी अपनी मांगों को लेकर प्रदर्शन कर रहे थे। तीन महीनों से स्वास्थकर्मियों को उनके वेतन नहीं मिले है।
नगर निगम चिकित्सक संघ के अध्यक्ष डॉक्टर आरआर गौतम ने बताया कि उत्तरी निगम के महापौर और अन्य पदाधिकारियों ने वेतन की समस्या को जल्द सुलझाने का आश्वासन दिया था। निगम के आश्वासन और मरीजों की परेशानी को देखते हुए हमने हड़ताल को पिछले रविवार को टाल दिया था। पर समस्या जस की तस बनी हुई है इसलिए हमने अब ये फैसला लिया है।
Delhi: Resident Doctors' Association of NDMC Medical College & Hindu Rao Hospital goes on indefinite hunger strike from today against non-payment of salaries pic.twitter.com/zKhLy9vVys
— ANI (@ANI) October 23, 2020
गौरतलब है कि इससे पहले नगर निगम द्वारा संचालित कुछ अस्पतालों के रेजिडेंट डॉक्टरों ने गुरुवार को अपने हाथों में काले पट्टे बांधकर नारेबाजी करते हुए जंतर-मंतर पर एक साझा विरोध प्रदर्शन किया था। हिंदू राव अस्पताल, कस्तूरबा अस्पताल और राजन बाबू टीबी अस्पताल के डॉक्टरों ने उच्च अधिकारियों से अपील की थी कि वो हस्तक्षेप कर सैलरी की समस्या को जल्द से जल्द हल करें। पिछले दिनों दिल्ली नगर निगम के सबसे बड़े अस्पताल हिन्दू राव अस्पताल के डॉक्टरों ने अपना वेतन न मिलने तक कोरोना वार्ड में सेवाए बंद करने का एलान कर दिया था। जिसके बाद वहां भर्ती कोरोना मरीजों को दिल्ली सरकार द्वारा संचालित अस्पताल में ट्रांसफर कराना पड़ा था। इसके बावजूद डॉक्टरों और अन्य स्वास्थ्यकर्मियों को उनके वेतन का भुगतान अब तक नहीं किया गया है। देश की राजधानी दिल्ली में अगर सरकारी अस्पताल के डॉक्टरों और स्वास्थ्यकर्मियों को तीन-तीन महीने तक वेतन नहीं मिल रहा है, तो अंदाज़ा लगाया जा सकता है कि अच्छे दिनों का सपना देखने वाले हमारे देश की असल हालत क्या हो चुकी है।