केंद्र सरकार से नहीं मिला चावल, अन्न भाग्य योजना के तहत अब गरीबों को 750 रुपए कैश देगी कर्नाटक सरकार

मोदी सरकार ने FCI को चावल बेचने से रोक दिया ताकि कर्नाटक सरकार गरीबों को चावल नहीं दे सके, अब राज्य सरकार 34 रुपए प्रतिकिलो के हिसाब से गरीबों को चावल के बदले कैश देगी: कांग्रेस

Updated: Jun 30, 2023, 10:26 AM IST

बेंगलुरु। कर्नाटक सरकार चुनावी गारंटी को पूरा करने के लिए बड़ी मात्रा में चावल खरीदने में मुश्किलों का सामना कर रही है। इस बीच सिद्धारमैया सरकार ने अन्न भाग्य योजना के तहत अतिरिक्त पांच किलोग्राम चावल की जगह 34 रुपये प्रति किलोग्राम की दर से लाभार्थियों को पैसे देने का फैसला किया।

कांग्रेस संचार विभाग के प्रमुख जयराम रमेश ने इस संबंध में जानकारी देते हुए कहा कि कर्नाटक में कांग्रेस सरकार अपनी 'अन्न भाग्य 2.0' योजना को लागू करने के लिए एफसीआई से 34 रुपये प्रति किलोग्राम पर चावल खरीदने को तैयार है। लेकिन केंद्र की मोदी सरकार ने एफसीआई को चावल बेचने से रोक दिया, जबकि उसने एफसीआई को इथेनॉल उत्पादन के लिए 20 रुपये प्रति किलोग्राम पर चावल की आपूर्ति करने की अनुमति दी है।

जयराम रमेश ने आगे कहा, 'अब, कर्नाटक के लोगों को दी गई गारंटी को ध्यान में रखते हुए राज्य सरकार परिवारों को प्रति माह 750 रुपये तक हस्तांतरित करेगी, जब तक कि गरीबी रेखा से नीचे (बीपीएल) गुजर-बसर करने वाले सभी परिवारों के लिए 10 किलोग्राम मुफ्त चावल देने के वास्ते इसका पर्याप्त भंडार नहीं खरीदा जाता है।' उन्होंने केंद्र पर हमला करते हुए कहा, 'हमने पहले भी कहा है और हम इसे फिर से कहेंगे, दिल्ली में मोदी सरकार से अधिक तुच्छ और पक्षपातपूर्ण सरकार कभी नहीं रही। लेकिन यह रवैया हमें कर्नाटक के लोगों से अपना वादा पूरा करने से नहीं रोक सकता।'

बता दें कि कर्नाटक को चावल की आपूर्ति को लेकर केंद्र और राज्य सरकार आमने-सामने आ गई है। राज्य सरकार ने अन्न भाग्य योजना में केंद्र पर अड़ंगा डालने की कोशिश का आरोप लगाया है। राज्य के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने केंद्र सरकार को गरीब विरोधी करार देते हुए कहा कि वे नफरत की राजनीति कर रहे हैं।

सीएम सिद्धारमैया के मुताबिक FCI से उन्हें पहले बताया गया था कि उनके पास 7 लाख मीट्रिक टन चावल उपलब्ध है। लेकिन बाद में उपभोक्ता मंत्रालय ने एफसीआई को खाद्यान्न की आपूर्ति रोकने के लिए लेटर लिखा और 14 जून को एफसीआई ने हमें पत्र लिखा कि वे खाद्यान्न की आपूर्ति नहीं कर सकते। कर्नाटक की कांग्रेस सरकार गरीबों को 10 किलो चावल देने के लिए पंजाब, छत्तीसगढ़ और अन्य पड़ोसी राज्यों से अनाज खरीदने के लिए बात भी की है।

बहरहाल, राज्य सरकार के पास जबतक स्टॉक उपलब्ध नहीं है तबतक चावल के बदले बीपीएल परिवारों को कैश दिया जाएगा। राज्य सरकार ने कहा कि धन वितरण एक जुलाई से शुरू कर दिया जाएगा।बुधवार को कैबिनेट की बैठक में मुख्यमंत्री सिद्दरमैया, उप मुख्यमंत्री डीके शिवकुमार और अन्य मंत्री इस निर्णय पर पहुंचे कि चावल की आपूर्ति नहीं होने तक हम बीपीएल राशन कार्डधारकों को 34 रुपये प्रति किलो की दर से पैसा देंगे।