कर्नाटक में दक्षिणपंथी संगठन ने ईसाई धार्मिक पुस्तकों में लगाई आग, इलाके में बढ़ा तनाव

पुलिस ने धार्मिक पुस्तकें जलाए जाने के मामले में अब तक एक भी गिरफ्तारी नहीं की है, एक पुलिस अधिकारी ने मीडिया को बताया है कि पुलिस ने पहले ही ईसाई समुदाय के लोगों को बुकलेट बांटने से मना किया था

Updated: Dec 13, 2021, 03:06 AM IST

बेंगलुरु। कर्नाटक में ईसाई धर्म की पुस्तकों को जलाने का मामला सामने आया है। रविवार को कर्नाटक के कोलार ज़िले में दक्षिणपंथी संगठन के कार्यकर्ताओं का ने धर्मांतरण का आरोप लगाकर ईसाई धर्म की पुस्तकों को आग के हवाले कर दिया। जिसके बाद इलाके में तनाव बढ़ गया है। 

यह घटना उस वक्त हुई जब ईसाई समुदाय के कुछ लोग अपने घर के बाहर उपदेश का मिशन चला रहे थे। वे पड़ोस में ईसाई धर्म से जुड़ी बुकलेट वितरित कर रहे थे। इसी दौरान दक्षिणपंथी संगठन के कार्यकर्ताओं ने आकर उन बुकलेट को जलाकर राख कर दिया। 

पुस्तकें जलाने में शामिल दक्षिणपंथी संगठन के एक कार्यकर्ता ने कहा कि ये लोग हमारे पड़ोस में इन किताबों को बांट रहे थे और ईसाइयत का प्रचार कर रहे थे। इसीलिए हमने इनकी पुस्तकों को जला दिया। हमने सिर्फ पुस्तकें जलाईं, किसी को नुकसान नहीं पहुंचाया। 

इस पूरे मामले में पुलिस की ओर से दक्षिणपंथी संगठन के कार्यकर्ताओं पर कोई कार्रवाई नहीं की गई है। अब तक एक भी गिरफ्तारी नहीं हुई है। एक पुलिस अधिकारी का भी बयान मीडिया में सामने आया है, जिसमें पुलिस अधिकारी ने मीडिया को कहा है कि पुलिस ने पहले ही ईसाई समुदाय के लोगों को इलाके में पुस्तकें बांटने से आगाह किया था। पुलिस को आशंका थी कि इससे इलाके में तनाव बढ़ सकता है। 

इस पूरे घटना की सोशल मीडिया पर भी काफी चर्चा हो रही है। कर्नाटक में ईसाई समुदाय के लोगों पर हो रहे हमले को लेकर एक यूजर ने कहा कि कर्नाटक अब दक्षिण का उत्तर प्रदेश बनता जा रहा है। बीते एक साल में कर्नाटक में यह 38वां मामला दर्ज हुआ है जब धार्मिक अल्पसंख्यकों पर हमला किया गया।

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कर्नाटक में बीजेपी सरकार के आने के बाद से ही धार्मिक अल्पसंख्यकों पर हमले के मामले बढ़ने का भी दावा किया जा रहा है।इसके इतर कर्नाटक की भाजपा शासित राज्य सरकार जल्द ही धर्मांतरण रोधी कानून लाने की तैयारी कर रही है। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक राज्य के मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई की कैबिनेट जल्द ही धर्मांतरण रोधी बिल को मंजूरी दे सकती है।