भाजपा सरकारों के खिलाफ मजदूर संघ

श्रम कानूनों में बदलाव पर बड़ा आंदोलन

Publish: May 15, 2020, 08:24 AM IST

देश भर में लॉक डाउन के चलते उद्योग बेहाल हैं। इन्ही उद्योगों को राहत देने की कोशिश में राज्य सरकारें मजदूरों का शोषण करने पर आमादा हैं। मध्य प्रदेश, उत्तर प्रदेश और गुजरात सहित कई भाजपा शासित राज्यों ने श्रम कानूनों में बदलाव किया है। इसके तहत श्रमिकों को 8 की  जगह 12 घंटे तक काम करना पड़ेगा। इसका फायदा कारखाना और मिल मालिकों को मिलेगा। यह पूरी कवायद लॉकडाउन  में खराब होती अर्थव्यवस्था, उद्योगों की बदहाली को लेकर है। यह व्यवस्था मजदूरों के शोषण का कारण न बन सकती है ज्यादातर राज्यों ने इंस्पेक्टर को खत्म करने के नाम पर उद्योगपतियों को श्रम कानूनों में खासी छूट दे दी है। इस छूट पर कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने तो विरोध जताया ही है अब राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ से जुड़ा भारतीय मजदूर संघ भी मैदान में आ गया है। उसने भाजपा सरकारों द्वाराश्रम कानूनों में किए गए इन बदलावों को लेकर कड़ा ऐतराज जताया है।

Click  असली लॉकडाउन की शुरुआत तो अब हुई है

गुरुवार को भारतीय मजदूर संघ ने एलान किया कि वह 20 मई को इस मुद्दे पर जिला स्तर पर बड़ा आंदोलन करेगा। 30 और 31 मई को, बीएमएस श्रम कानूनों में बदलाव के मुद्दे पर क्षेत्रीय स्तर के सम्मेलनों का आयोजन करेगा, और उनकी वापसी की मांग करेगा। भारतीय मजदूर संघ का मानना है कि भारत में वैसे ही श्रम कानूनों का कड़ाई से पालन नहीं होता। ऐसे में कानून में ढील से और मुश्किल हालात पैदा होंगे।

गौरतलब है कि कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने कानूनों में बदलावों पर कहा है कि अनेक राज्यों द्वारा श्रमकानूनों में संशोधन किया जा रहा है। हम कोरोना के खिलाफ मिलकर संघर्ष कर रहे हैं, लेकिन यह मानवाधिकारों को रौंदने, असुरक्षित कार्यस्थलों की अनुमति, श्रमिकों के शोषण और उनकी आवाज दबाने का बहाना नहीं हो सकता। इन मूलभूत सिद्धांतों पर कोई समझौता नहीं हो सकता।