Shopian Encounter: सेना ने माना कि जवानों ने किया फर्ज़ी एनकाउंटर, आतंकी नहीं तीन मजदूर मारे

Jammu and Kashmir: शोपियां जिले में 18 जुलाई को हुए एनकाउंटर में 3 मजदूर मारे गए थे, सेना ने आरोपी जवानों के खिलाफ AFSA उल्लंघन का सुबूत मिलने पर शुरू की अनुशासनात्मक कार्रवाई

Updated: Sep 19, 2020, 10:09 AM IST

Photo Courtsey: The hindu
Photo Courtsey: The hindu

श्रीनगर। जम्मू-कश्मीर के शोपियां में 18 जुलाई को भारतीय सेना द्वारा किए गए एनकाउंटर फर्जी थे। भारतीय सेना ने ही इस बात की पुष्टि की है। भारतीय सेना ने शुक्रवार (18 सितंबर) को मामले में बड़ा फैसला लेते हुए कारवाई का आदेश दिया है। सेना को प्रथम दृष्टया साक्ष्य मिले हैं कि जवानों ने कश्मीर के शोपियां में मुठभेड़ के दौरान सशस्त्र सेना विशेषाधिकार कानून (AFSA) के तहत मिली शक्तियों का दुरुपयोग किया है।

दरअसल, भारतीय सेना के जवानों ने जुलाई 18 को शोपियां जिले के अमाशीपोरा में तीन लोगों को मार गिराया था। सेना के जवानों का दावा था कि यह तीनों आतंकी थे और मुठभेड़ के दौरान गोलीबारी में उनकी मौत हुई। हालांकि, स्थानीय लोगों का दावा था कि यह एनकाउंटर फर्जी है। मृतकों के परिजनों ने बताया था कि ये तीनों लोग राजौरी में मजदूरी करते थे। इसके बाद मामले पर विवाद हो गया था। सेना ने तत्पश्चात मामले की जांच के आदेश दिए थे।

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इस इनकाउंटर की चार हफ्ते तक चली जांच के बाद सेना ने एक संक्षिप्त बयान जारी कर इस बात की पुष्टि की है कि यह एनकाउंटर फर्जी था। भारतीय सेना द्वारा जारी बयान में कहा गया है कि जांच के दौरान ऐसे साक्ष्य मिले हैं जिससे पता चलता है कि AFSA के तहत मिली शक्तियों का जवानों ने दुरुपयोग किया है और सुप्रीम कोर्ट के द्वारा स्वीकृत सेना प्रमुख की ओर से निर्धारित नियमों का उल्लंघन किया गया है। इसके मुताबिक, परिणामस्वरूप, सक्षम अनुशासनात्मक प्राधिकरण ने प्रथम दृष्टया जवाबदेह पाए गए सैनिकों के खिलाफ सेना अधिनियम के तहत अनुशासनात्मक कार्रवाई शुरू करने का निर्देश दिया है।