‘लूट की खुली छूट’ से कैसी आत्मनिर्भता?
‘महामारी के नाम पर अमीरों के एजेंडे का लागू करना अमानवीय.’

10 लाख करोड़ रुपये के आर्थिक पैकेज की विस्तृत जानकारी देने के क्रम में केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण द्वारा लगातार चौथे दिन की गई घोषणाओं की सीपीएम महासचिव सीताराम येचुरी ने निंदा की है.
उन्होंने ट्वीट करते हुए कहा कि महामारी के दौरान लगाए गए लॉकडाउन का प्रयोग और अधिक मुनाफे के लिए अमीरों, घरेलू और विदेशी पूंजी के एजेंडे को लागू करने में करना पूरी तरह से अमानवीय है. राष्ट्रीय संसाधनों की लूट हमें आत्मनिर्भर नहीं बनाती.
Using this Pandemic lockdown to unilaterally impose the agenda of the rich, Foreign & Domestic Capital for more super-profits is inhuman. Looting national assets destroys Self Reliance.
— Sitaram Yechury (@SitaramYechury) May 16, 2020
वहीं वित्त मंत्री ने ऑटोमैटिक रूट के तहत रक्षा उत्पादन में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश की सीमा 49 प्रतिशत से बढ़ाकर 74 प्रतिशत कर दी. सीताराम येचुरी ने इस कदम की भी आलोचना की.
India's national security can't be held hostage to private foreign companies. The decision to increase FDI in defence production goes against India's strategic interest. How is this ‘self-reliance’? https://t.co/8isISuieyn
— Sitaram Yechury (@SitaramYechury) May 16, 2020
उन्होंने कहा, “भारत की राष्ट्रीय सुरक्षा विदेश की निजी कंपनियों के हवाले नहीं छोड़ी जा सकती. रक्षा उत्पादन में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश को बढ़ाना भारत के रणनीतिक हितों के खिलाफ जाता है. यह आत्मनिर्भरता कैसै है?”