VVPAT मिलान वाली याचिका पर SC ने मांगा ECI से जवाब, जयराम बोले चुनाव से पहले हो मामले पर निर्णय
इंडिया गठबंधन के प्रतिनिधिमंडल से चुनाव आयोग ने मिलने से इनकार कर दिया था, जिसके बाद सुप्रीम कोर्ट ने चुनाव आयोग को नोटिस जारी किया है

नई दिल्ली। मतगणना में VVPAT की पर्चियों के मिलान से संबंधित एक याचिका पर सोमवार को सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई की। सुनवाई के बाद सुप्रीम कोर्ट ने चुनाव आयोग को इस संबंध में नोटिस जारी किया है और आयोग से अपना जवाब दाखिल करने के लिए कहा है।
सुप्रीम कोर्ट द्वारा नोटिस जारी किए जाने कदम को कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने स्वागत योग्य कदम करार दिया है। हालांकि उन्होंने यह मांग भी की है कि इस मामले पर अगर चुनाव से पहले फ़ैसला आए तो ज़्यादा बेहतर होगा।
जयराम रमेश ने सुप्रीम कोर्ट द्वारा नोटिस जारी किए जाने के मामले में अपनी प्रतिक्रिया देते हुए एक्स पर कहा, "VVPAT के मुद्दे पर सुप्रीम कोर्ट ने आज चुनाव आयोग को नोटिस जारी किया है। चुनाव आयोग ने INDIA गठबंधन के नेताओं के एक प्रतिनिधिमंडल से मिलने से इंकार कर दिया है। हमारी मांग थी कि ईवीएम में जनता का विश्वास बढ़ाने और चुनावी प्रक्रिया की पवित्रता सुनिश्चित करने के लिए VVPAT पर्चियों के 100 % मिलान किए जाएं। इस संबंध में यह नोटिस पहला और काफ़ी महत्वपूर्ण कदम है। लेकिन इसकी सार्थकता के लिए, चुनाव शुरू होने से पहले ही मामले पर निर्णय लिया जाना चाहिए।"
दरअसल विपक्षी दल लगातार VVPAT पर्चियों की गिनतियों की मांग करते रहे हैं। VVPAT वो पर्ची होती है जिससे कोई मतदाता ईवीएम का बटन दबाने के बाद यह पुष्टि कर पाता है कि उसने जिस दल को वोट दिया है, वोट उसी दल को मिला है या नहीं। कांग्रेस ख़ास तौर पर पिछले कुछ समय से VVPAT पर्चियों के मिलान की मांग करती रही है।
ईवीएम के मुद्दे ने मध्य प्रदेश के बीते विधानसभा चुनाव के नतीजे आने के बाद तूल पकड़ा था, जब पोस्ट बैलेट की गणना में कांग्रेस 199 सीटों पर बीजेपी से आगे थी लेकिन ईवीएम की गिनती में बीजेपी को मध्य प्रदेश में प्रचंड जीत हासिल हो गई।
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राज्यसभा सांसद दिग्विजय सिंह लगातार VVPAT पर्चियों की गिनती और ईवीएम के मुद्दे को उठाते रहे हैं। फिलहाल दिग्विजय सिंह मध्य प्रदेश की राजगढ़ लोकसभा सीट से चुनावी मैदान में हैं। वहां एक जनसभा को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि अगर 400 उम्मीदवार सीट से नामांकन भरें तो ईवीएम के बजाय मतपत्र से चुनाव होंगे। वहां मौजूद जनता ने भी कांग्रेस नेता से कहा कि वह भी यही चाहती है कि चुनाव मत पत्र से कराए जाएं। दरअसल ईवीएम एक सीमित संख्या तक ही उम्मीदवारों के वोटों की गिनती कर सकता है।
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रविवार को ही दिल्ली के रामलीला मैदान में कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने बीजेपी पर चुनाव से पहले मैच फिक्सिंग करने का आरोप लगाया था। कांग्रेस नेता ने जनता को आगाह करते हुए कहा था कि अगर बीजेपी इस बार चुनाव जीत गई तो देश में संविधान नहीं बचेगा और चारों तरफ़ से हिंसा की आग की लपटें देश को अपने लपेटे में ले लेंगी।