UPSC परीक्षा में अंतिम प्रयास वालों को सुप्रीम कोर्ट से झटका, नहीं मिलेगा एक और मौक़ा
अक्टूबर 2020 में यूपीएससी की प्रीलिम्स परीक्षा में शामिल न हो पाने के बाद कुछ अभ्यर्थियों ने सुप्रीम कोर्ट का रुख किया था, वे उम्मीदवार ख़ास तौर पर परेशान थे जिनके लिए यह परीक्षा देने का अंतिम मौक़ा था
नई दिल्ली। यूपीएससी की परीक्षा में अपने अंतिम प्रयास से चूक गए उम्मीदवारों को सुप्रीम कोर्ट से बड़ा झटका लगा है। ऐसे उम्मीदवारों को अब यूपीएससी की परीक्षा देने का एक और मौका नहीं मिलेगा। सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को इस पर अपना फैसला सुना दिया। 9 फ़रवरी को जस्टिस ए एम खानविलकर, जस्टिस इंदु मल्होत्रा और जस्टिस अजय रस्तोगी की खंडपीठ ने फ़ैसला सुरक्षित रख लिया था। आज इस खंडपीठ ने अपना फैसला सुनाते हुए अंतिम प्रयास वाले उम्मीदवारों को एक और मौका देने से साफ तौर पर इनकार कर दिया। सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले से दो हज़ार उम्मीदवारों के अरमानों पर पानी फिर गया। कोर्ट ने अपने फैसले में और क्या-क्या बातें कही हैं, यह विस्तृत फैसला सामने आने पर पता चलेगा।
Supreme Court dismisses the petition filed by UPSC aspirants seeking an extra attempt in civil service exams for those aspirants who had exhausted their last attempt in October 2020 pic.twitter.com/csj7wuDYXD
— ANI (@ANI) February 24, 2021
दरअसल अक्टूबर 2020 में कुछ उम्मीदवार कोरोना महामारी के कारण पैदा हालात की वजह से यूपीएससी की प्रीलिम्स परीक्षा में शामिल नहीं हो पाए थे। इसके बाद उन्होंने आखिरी मौके की मांग को लेकर सुप्रीम कोर्ट का रुख किया था। लेकिन जो उम्मीदवार लॉकडाउन के कारण अपने अंतिम प्रयास में परीक्षा नहीं दे पाए थे, अब वे यूपीएससी की परीक्षा नहीं दे पाएँगे। केंद्र सरकार इससे पहले अंतिम प्रयास वालों को एक और मौक़ा देने के लिए तैयार हो गई थी, लेकिन इसके लिए वो उम्र सीमा में छूट देने को तैयार नहीं थी। लेकिन उम्मीदवारों का कहना था कि एक और मौका देते समय उम्र की सीमा में भी ढील दी जानी चाहिए।
इससे पहले सुप्रीम कोर्ट ने सितंबर 2020 में हुई एक सुनवाई के दौरान केंद्र सरकार और संघ लोक सेवा आयोग से कहा था कि वे अंतिम प्रयास वाले उम्मीदवारों को एक और मौक़ा देने पर विचार करें। कोर्ट ने यह बात अक्टूबर 2020 में होने वाली सिविल सेवा परीक्षा को आगे बढ़ाने की याचिका को ख़ारिज करते हुए कही थी।