हम UP सरकार की जांच से संतुष्ट नहीं, लखीमपुर नरसंहार मामले में सुप्रीम कोर्ट की तल्ख टिप्पणी

सर्वोच्च न्यायालय ने योगी आदित्यनाथ सरकार को लगाई फटकार, चीफ जस्टिस बोले- हम जिम्मेदार सरकार और जिम्मेदार पुलिस चाहते हैं, आरोपी की अबतक गिरफ्तारी क्यों नहीं हुई

Updated: Oct 08, 2021, 09:31 AM IST

Photo Courtesy: ABP
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नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने लखीमपुर खीरी किसान नरसंहार मामले में उत्तर प्रदेश सरकार की कार्यशैली को लेकर नाराजगी जाहिर की है। सर्वोच्च न्यायालय ने योगी आदित्यनाथ सरकार को फटकार लगाते हुए पूछा है कि इस मामले में आरोपी मंत्री पुत्र की अब तक गिरफ्तारी क्यों नहीं हुई है। सुप्रीम कोर्ट ने स्पष्ट रूप से कहा है कि हम उत्तर प्रदेश सरकार की जांच से संतुष्ट नहीं है।

शुक्रवार को मामले की सुनवाई के दौरान सर्वोच्च न्यायालय ने कहा की हम एक जिम्मेदार सरकार और जिम्मेदार पुलिस प्रशासन देखना चाहते हैं। सभी आरोपियों के खिलाफ एक तरह का व्यवहार होना चाहिए। आरोपी जो कोई भी हो कानून को अपना काम करना चाहिए। न्यायालय ने सरकार से पूछा कि हत्या के मामले में आरोपी से अलग व्यवहार क्यों हो रहा है? अब तक उसकी गिरफ्तारी क्यों नहीं हुई है?

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उच्चतम न्यायालय में सरकार का पक्ष रख रहे वकील हरीश साल्वे ने कोर्ट को बताया कि आरोपी मंत्री पुत्र आशीष मिश्रा को नोटिस दिया गया है और कल सुबह 11 बजे पेश होने के लिए कहा गया है। अगर कल वह पेश नहीं होता है तो कानून अपना काम करेगा। साल्वे ने यह भी दावा किया कि पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट में गोली लगने के घाव नहीं मिले हैं।

हालांकि, साल्वे ने भी इस बात से सहमति जताई कि किसानों के आरोप सही लगते हैं। उन्होंने कहा, 'जिस तरह से कार चलाई गई, आरोप सही लगते हैं, यह शायद हत्या मामला है। साल्वे के इस बयान पर जस्टिस हिमा कोहली ने कहा की शायद क्यों? इसपर हरीश साल्वे ने कहा, 'मैंने शायद का प्रयोग इसलिए किया क्योंकि मैं नहीं चाहता कि आरोपी कल को ये कहे कि मैंने उसका पक्ष आने से पहले ही निर्णय कर लिया। सबूत मजबूत हैं और यदि सबूत सही है तो ये  धारा 302 हत्या का मामला है।'

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इस दौरान चीफ जस्टिस ने उत्तर प्रदेश पुलिस पर संदेह जाहिर करते हुए कहा कि जांच में जिन अधिकारियों को लगाया गया है,वे सभी स्थानीय फील्ड ऑफिसर्स हैं। उनका रवैया देखकर ऐसा नहीं लग रहा है कि वो ढंग से जांच करेंगे।' इसके बाद कोर्ट ने प्रदेश के पुलिस महानिदेशक को निर्देश दिया की मामले से जुड़े हुए सभी सबूतों को वे संभाल कर रखें। बता दें कि इस हाईप्रोफाइल नरसंहार मामले पर सुप्रीम कोर्ट ने स्वतः संज्ञान लेते हुए सुनवाई शुरू की है। चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया एनवी रमन्ना इस पीठ का नेतृत्व कर रहे हैं।