गृह मंत्रालय की बैठक से दिग्विजय सिंह समेत तीन सांसदों ने किया वॉकआउट, मणिपुर मसले पर चर्चा चाहते थे विपक्षी सांसद

मणिपुर में गृहयुद्ध जैसे हालात हैं, 250 से अधिक चर्च और 100 से अधिक मंदिर जलाए जा चुके हैं, 2000 से अधिक घरों में आग लगा दी गई है और अफसोस की बात है कि हम कारागारों की स्थिति पर बैठक कर रहे हैं: दिग्विजय सिंह

Updated: Jul 07, 2023, 11:41 AM IST

नई दिल्ली। देश का पूर्वोत्तर राज्य मणिपुर पिछले दो महीने से हिंसा की आग में जल रहा है। यहां रुक-रुक कर हिंसा भड़क रही है। इसी बीच गुरुवार को गृह मंत्रालय की स्टैंडिंग कमेटी की बैठक बुलाई गई। इस बैठक में विपक्षी सदस्यों ने मणिपुर समस्या पर चर्चा करने की मांग की थी, जिसे खारिज करने पर दिग्विजय सिंह समेत तीन विपक्षी सांसदों ने बैठक से वॉकआउट किया।

दरअसल, कांग्रेस सांसद दिग्विजय सिंह, प्रदीप भट्टाचार्य और टीएमसी सांसद डेरेक ओ ब्रॉयन गृह मंत्रालय के स्टैंडिंग कमेटी के मेंबर हैं। तीनों सांसदों ने पैनल के अध्यक्ष बृजलाल को पत्र लिखकर कहा था कि समिति के सदस्य के रूप में वे मणिपुर की स्थिति को नजरअंदाज नहीं कर सकते। उन्होंने बैठक में मणिपुर मामले पर चर्चा की मांग उठाई। जिसे अस्वीकार कर दिया गया।

पैनल के अध्यक्ष बैठक के दौरान तेलंगाना, आंध्र प्रदेश और तमिलनाडु में जेल सुधार के मुद्दे पर चर्चा करना चाह रहे थे। ऐसे में कांग्रेस के दिग्विजय सिंह, प्रदीप भट्टाचार्य और टीएमसी के डेरेक ओ ब्रॉयन ने वॉकआउट करने का निर्णय लिया। बैठक में अध्यक्ष समेत कुल सात सदस्य शामिल थे। इनमें से तीन विपक्षी सांसद वॉकआउट कर गए।

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इससे पहले कांग्रेस के दिग्विजय सिंह स्टैंडिंग कमेटी के अध्यक्ष बृजलाल को संबोधित पत्र में मणिपुर पर चर्चा की मांग करते हुए लिखा था कि, 'देश का पूर्वोत्तर राज्य मणिपुर विगत 50 दिनों से हिंसा की आग में जल रहा है, जिसमें 100 से अधिक लोगों की मौत हो गई है, 300 से ज्यादा गंभीर रूप से घायल तथा 50 हजार से अधिक लोग राहत शिविरों में रहकर अपनी जिंदगी गुजारने को विवश हैं।'

सिंह ने आगे लिखा था कि, 'यह देख और सुनकर दिल दहल जाता है कि अपने परिवार से बिछड़ी हुई 40 माताओं ने डर और हिंसा के बीच राहत शिविरों मे बच्चों को जन्म दिया है। राज्य में बैंकों के एटीएम खाली पड़े है जिससे लोगों के पास पैसे नहीं हैं। इंटरनेट बंद होने से लोग ऑनलाइन भुगतान भी नहीं कर पा रहे हैं। कुकी और मैतेई समुदाय की जातीय हिंसा धार्मिक हिंसा में बदल गई है और राज्य में गृहयुद्ध जैसे हालात हैं, 250 से अधिक चर्च और 100 से अधिक मंदिर जलाए जा चुके हैं, 2000 से अधिक घरों में आग लगा दी गई है और अफसोस की बात है कि हम कारागारों की स्थिति, अवसंरचना और सुधार पर बैठक कर रहे हैं।'

सिंह ने अनुरोध करते हुए कहा था कि कारागारों की स्थिति, अवसंरचना और सुधार विषय पर आयोजित बैठक को स्थगित कर गुरुवार (06 जुलाई) को ही मणिपुर की भयावह स्थिति और उसमें त्वरित सुधार के लिए उठाए जाने वाले कदमों को लेकर बैठक आयोजित किया जाए। ताकि गृहयुद्ध जैसी भयावह स्थिति से गुजर रहे मणिपुर के लोगों को त्वरित राहत दी जा सके। सिंह ने तर्क दिया था कि कारागारों की स्थिति पर हम बाद मे भी चर्चा कर सकते हैं। हालांकि, इस अनुरोध को अस्वीकार कर दिया गया। ऐसे में दिग्विजय सिंह समेत तीन विपक्षी सांसद पार्लियामेंट्री पैनल की बैठक से वॉकआउट करने को मजबूर हुए।