छात्रों को जगाने के लिए सुबह अलार्म बजाएं मंदिर-मस्जिद, हरियाणा सरकार का अजीबोगरीब निर्देश

हरियाणा सरकार ने 10वीं और 12वीं कक्षा के छात्रों को जल्दी जगाने के लिए मंदिरों, मस्जिदों और गुरुद्वारों से 'अलार्म' बजाने को कहा है, ताकि छात्र बोर्ड परीक्षा की तैयारी बेहतर ढंग से कर सकें।

Updated: Dec 26, 2022, 07:28 AM IST

नई दिल्ली। आगामी बोर्ड परीक्षाओं को देखते हुए हरियाणा की बीजेपी सरकार ने एक अजीबोगरीब नियम निकाला है। अब राज्‍य में मंदिर, मस्जिद और गुरुद्वारों से कक्षा 10वीं और 12वीं के स्‍टूडेंट्स को जगाने के लिए सुबह-सुबह लाउडस्‍पीकर पर अलार्म बजाए जाएंगे। ऐसा इसलिए ताकि बच्‍चे सुबह समय से उठकर अपनी बोर्ड परीक्षाओं की तैयारी कर सकें।

राज्य के शिक्षा विभाग ने संबंधित स्कूल अधिकारियों से भी कहा है कि वे माता-पिता से अपने बच्चों को सुबह 4.30 बजे जगाने के लिए कहें ताकि बच्चे सुबह-सुबह बोर्ड परीक्षा की तैयार कर सकें। सभी सरकारी स्कूलों के प्रधानाचार्यों को भेजे पत्र में विभाग ने इस बात पर जोर दिया कि अभिभावकों और शिक्षकों द्वारा एक संयुक्त योजना बनाई जाए ताकि छात्रों को सेल्फ स्टडी के लिए कुछ अतिरिक्त घंटे मिल सकें।

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शिक्षा विभाग द्वारा जारी निर्देश में कहा गया है कि सेल्फ स्टडी के लिए सुबह का समय सबसे उपयुक्त होता है। उस समय मन फ्रेश रहता है और वाहनों का शोर नहीं होता। इसके लिए हर क्लास टीचर अभिभावकों से अनुरोध करें कि वे अपने बच्चों को सुबह 4:30 बजे जगाएंगे और 5:15 बजे तक पढ़ने के लिए बैठने को कहेंगे। शिक्षक व्हाट्सएप ग्रुप के जरिए भी पूछताछ करेंगे कि छात्र जागे हैं कि नहीं और पढ़ाई कर रहे हैं या नहीं। अगर अभिभावक सहयोग नहीं कर रहे हैं तो इसे स्कूल प्रबंधन समिति के संज्ञान में लाया जाना चाहिए।

शिक्षा विभाग ने गांवों में पंचायत सदस्यों को यह सुनिश्चित करने के लिए भी कहा है कि उनके गांवों में सुबह के समय पढ़ाई का माहौल हो। शिक्षा निदेशक अंशज सिंह ने सभी सरकारी स्कूल के प्राचार्यों और जिला शिक्षा अधिकारियों को लिखे पत्र में कहा, 'मंदिरों, मस्जिदों और गुरुद्वारों से सुबह की घोषणाओं (लाउडस्पीकरों के माध्यम से) के लिए संपर्क किया जाना चाहिए ताकि छात्र उठकर पढ़ाई शुरू कर सकें। इसके साथ, प्रत्येक छात्र को अतिरिक्त दो से तीन घंटे (पढ़ाई के लिए) का समय मिलेगा।'

शिक्षा विभाग द्वारा पत्र में लिखा गया है कि परीक्षा की तैयारी के लिए उचित माहौल मुहैया कराना समाज की सामूहिक जिम्मेदारी बताया गया है। जो  समाज बच्चों की शिक्षा में सहायता प्रदान करते हैं, वे राष्ट्र की प्रगति में योगदान करते हैं। 22 दिसंबर को जारी इस पत्र में स्कूल के प्रधानाध्यापकों को बताया गया है कि बोर्ड परीक्षा के लिए केवल 70 दिन शेष हैं।