ट्विटर ने सस्पेंड किए किसान आंदोलन से जुड़े कई एकाउंट, केंद्र सरकार के आदेश पर कार्रवाई

रिपोर्ट्स के मुताबिक ट्वीटर ने ऐसे करीब 250 खातों को सस्पेंड कर दिया है जो प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के खिलाफ हैशटैग चला रहे थे, इनमें संयुक्त किसान मोर्चा का अकाउंट भी शामिल है

Updated: Feb 01, 2021, 01:34 PM IST

नई दिल्ली। माइक्रो ब्लॉगिंग वेबसाइट ट्विटर ने किसान आंदोलन से जुड़े कई अकाउंट्स को सस्पेंड कर दिया है। रिपोर्ट्स के मुताबिक ट्विटर ने ऐसे करीब 250 अकाउंट्स के खिलाफ कार्रवाई की है जो किसान आंदोलन के दौरान प्रधानमंत्री मोदी के विरोध में ट्वीट कर रहे थे। खबर है कि ट्विटर को यह कार्रवाई करने का निर्देश बाकायदा केंद्र सरकार की तरफ से दिया गया था।

बताया गया है कि ट्विटर ने यह कार्रवाई #ModiPlanningFarmerGenocide हैशटैग के साथ ट्वीट करने वाले एकाउंट्स के खिलाफ की है। 30 जनवरी को ये हैशटैग ट्विटर पर ट्रेंड कर रहा था। इस हैशटैग का मतलब यह है कि मोदी सरकार किसानों के जनसंहार की तैयारी कर रही है। ट्विटर ने जिन एकाउंट्स को सस्पेंड किया है, उनमें  किसान एकता मोर्चा, द कारवां इंडिया, माणिक गोयल, ट्रैक्टर 2 वाइट और जट_जंक्शन शामिल हैं। इतना ही नहीं कंपनी ने पूर्व सांसद मोहम्मद सलीम जैसे कई नेताओं और पब्लिक ब्रॉडकास्टिंग सर्विस प्रसार भारती के सीईओ शशि शेखर वेंपति के एकाउंट को भी सस्पेंड कर दिया है।

ट्विटर की इस कार्रवाई की देशभर में आलोचना हो रही है। लोगों का आरोप है कि सरकार के दबाव में आकर ट्विटर ने एकपक्षीय कार्रवाई करते हुए अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता को कुचलने का प्रयास किया है। इस मामले में  राष्ट्रीय जनता दल (RJD) ने ट्विटर के सीईओ जैक पर निशाना साधा है। आरजेडी ने ट्वीट किया, 'साफ है फेसबुक या ट्विटर जैसे सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म यहाँ भारत में पैसे कमाने आए हैं! इसके लिए उन्हें तानाशाहों की सनक या किसी बेढब लोकतंत्र में भ्रष्ट हुक्मरानों की हनक से समझौता करने, उनके इशारे पर नाचने या जन की आवाज़ दबाने से कोई गुरेज़ नहीं होगा!'

इस मामले में वरिष्ठ पत्रकार और लेखक दिलीप मंडल ने ट्वीट किया, 'जिस हैश टैग का इस्तेमाल करने के कारण सरकार के निर्देश पर ट्विटर ने कई एकाउंट सस्पेंड किए हैं, उसका इस्तेमाल आज एएनआई ने अपने ट्वीट में करके उससे जन जन तक पहुँचा दिया। आप चाहें तो इसके लिए ANI की निंदा या प्रशंसा कर सकते हैं।' दरअसल, न्यूज़ एजेंसी एएनआई ने इस खबर की पुष्टि करते हुए उसी हैशटैग को यूज किया था जिसकी वजह से यह कार्रवाई की गई। हालांकि बाद में एएनआई ने उस ट्वीट को डिलीट कर दिया और हैशटैग हटाकर उसे दुबारा ट्वीट किया।

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक आईटी मिनिस्ट्री ने ट्विटर को 250 के करीब अकाउंट्स को ब्लॉक करने के लिए कहा था। बताया जा रहा है कि गृह मंत्रालय के निर्देश के बाद आईटी मिनिस्ट्री ने ट्विटर को उन अकॉउंट्स की लिस्ट सौंपी थी, जिन्हें केंद्र सरकार बंद कराना चाहती थी। हालांकि फिलहाल यह स्पष्ट नहीं है कि देशभर में कितने अकाउंट्स ब्लॉक किए गए हैं। ऐसी आशंकाएं भी जाहिर की जा रही हैं कि ब्लॉक किए गए एकाउंट्स की संख्या काफी अधिक हो सकती है।

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इस मामले में सफाई देते हुए ट्विटर ने कहा है, 'कई देशों में कानून हैं जो ट्वीट्स या ट्विटर अकाउंट पर लागू हो सकते हैं। ट्विटर अपनी सेवाओं को हर जगह लोगों को उपलब्ध कराने के लिए लगातार प्रयासरत है। अगर हमें ऑथोरिटी से वैलिड रिक्वेस्ट मिलती है, तो कंपनी किसी विशेष देश में कुछ कंटेंट पर रोक लगा देती है। कुछ कंटेंट को रोकना जरूरी होता है। फ्रीडम ऑफ एक्सप्रेशन के लिए ट्रांसपेरेंसी बहुत जरूरी है। स्थानीय कानून का उल्लंघन करने वाले कंटेंट पर स्थानीय कानून के हिसाब से इस तरह की कार्रवाई की जाती है।'

ट्विटर के इस बयान के बाद माना जा रहा है कि केंद्र सरकार ने कंपनी पर इस एक्शन के लिए काफी दबाव बनाया गया है। यह पहली बार नहीं है जब ट्विटर ने किसान आंदोलन से जुड़े अकाउंट्स को निशाने पर लिया है। इसके पहले 27 जनवरी को भी लगभग 500 अकाउंट्स ब्लॉक किए गए थे। केंद्र सरकार ने किसान आंदोलन वाली जगहों पर इंटरनेट तो पहले से ही बंद किया हुआ है। लेकिन अब किसानों के सोशल मीडिया प्रोफाइल्स ब्लॉक करने के बाद आरोप लग रहे हैं कि सरकार लोगों की आवाज को दबाने के लिए असंवैधानिक रवैया अपना रही है।