पार्टी ने आपको क्या नहीं दिया, लेकिन जब आपकी बारी आई तो... दिग्विजय सिंह ने आजाद को सुनाई खरी-खोटी

दिग्विजय सिंह ने गुलाम नबी आजाद के इस्तीफे पर कहा कि वे मेरे भाई समान थे, कभी उम्मीद नहीं थी कि वे ऐसा करेंगे, उन्हें कांग्रेस ने क्या नहीं दिया, हार जीत से बचाने के लिए 5 बार राज्यसभा भेजा और आज वो इस तरह की बातें कर रहे हैं

Updated: Aug 27, 2022, 03:49 AM IST

नई दिल्ली। कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं ने गुलाम नबी आजाद के इस्तीफे को लेकर उनकी तीखी आलोचना की है। राजस्थान सीएम अशोक गहलोत के बाद अब राज्यसभा सांसद दिग्विजय सिंह की प्रतिक्रिया सामने आई है। जिसमें उन्होंने गुलाम नबी आजाद को खूब खरी-खोटी सुनाई है। सिंह ने कहा कि मैं उन्हे अपना भाई मानता था। जिस पार्टी ने उन्हें सबकुछ दिया लेकिन आज जब पार्टी को जरूरत पड़ी तो वे इस्तीफा देकर चले गए।

दिग्विजय सिंह ने वीडियो स्टेटमेंट जारी कर कहा कि, 'हम दोनों एक साथ ही राजनीति में आए थे। सन 1977 के विधानसभा चुनाव में वे नहीं जीत पाए। जम्मू कश्मीर विधानसभा चुनाव ने उनकी जमानत जब्त हुई। मैं 1977 में मध्य प्रदेश से विधानसभा चुनाव लडा और जीतकर आया। उसके बाद यूथ कांग्रेस में उन्हें महामंत्री बनाया गया, अध्यक्ष भी रहे और मैं मध्य प्रदेश यूथ कांग्रेस में महामंत्री रहा। मेरे उनके बहुत अच्छे संबंध रहे। लेकिन मुझे दुख है कि जिस पार्टी ने उन्हें सबकुछ दिया, आज उन्होंने पार्टी छोड़ दिया।'

सिंह ने आगे कहा कि, 'गुलाम नबी आजाद
जम्मू कश्मीर में चुनाव नहीं जीत पाते थे। उन्हें कांग्रेस ने महाराष्ट्र से टिकट देकर दो बार लोकसभा का सदस्य बनाया। पांच बार यानी की 30 साल तक कांग्रेस ने उन्हें राज्यसभा सदस्य बनाया। मुख्यमंत्री बनने का मौका दिया, केंद्र सरकार में मंत्री बनाया। वो आज बात कर रहे हैं की जब 2013 में राहुल गांधी ने पत्रकारों के सामने एक ऑर्डिनेंस फाड़ दिया तब वे आहत हुए थे। अगर आपको आपत्ति थी तो 2014 में आपने राज्यसभा में विपक्ष के नेता का पद क्यों स्वीकार किया? मंत्रीमंडल से इस्तीफा क्यों नहीं दिया?'

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कांग्रेस नेता ने आगे, 'ये सब बहानेबाजी बंद कीजिए गुलाम नबी आजाद जी। सीधी सी एक बात है कि आपके संबंध आज उन लोगों से जुड़ गए हैं जिन्होंने कश्मीर से धारा 370 समाप्त की। हो सकता है की कुछ आपके उनके साथ मधुर संबंध हो गए होंगे।' भारत जोड़ो यात्रा को लेकर आजाद की टिप्पणी का जवाब देते हुए सिंह ने कहा, 'आपने लिखा है कि आज कांग्रेस जोड़ो की आवश्यकता है और भारत जोड़ो की आवश्यकता नहीं है। कांग्रेस जोड़ने के बजाए कांग्रेस तोड़ने की दिशा में आज आपने ही कदम उठाया है। और मैं इसकी घोर निंदा करता हूं।'

सिंह ने आजाद पर निशाना साधते हुए कहा कि, 'सोनिया गांधी और उनके परिवार ने आपको सबकुछ दिया। लेकिन आज जब वे ट्रीटमेंट के लिए विदेश गईं हुई हैं तब आप ये कदम उठा रहे हैं। मुझे ये कतई उम्मीद नहीं थी। कांग्रेस पार्टी ने आपको क्या कुछ नहीं दिया है। इस संकट काल में जब आपको दृढ़ता के साथ खड़े रहकर पार्टी का साथ देना चाहिए तब इस्तीफा दे रहे हैं। आपन जो इस्तीफा पत्र लिखा है उसकी मैं घोर निंदा करता हूं। मुझे उम्मीद है कि पूरे देश में कांग्रेस कार्यकर्ता आज मेरी बातों से सहमत होंगे और आपके इस कदम की निंदा करेंगे।'

सिंह ने आगे कहा कि, 'आज जिस प्रकार से समाज को तोड़ा जा रहा है। अल्पसंख्या समाज के साथ ज्यादतियां की जा रही है। दलित और आदिवासियों के खिलाफ अत्याचार किया जा रहा है। उस समय गुलाम नबी आजाद कांग्रेस का साथ छोड़ रहे हैं। मुझे उनसे ये उम्मीद नहीं थी। मुझे बड़ा दुख है। ग्लानि हो थी है। गुलाम नबी मेरे भाई समान रहे हैं। उनसे ये उम्मीद नहीं थी।'