विश्वभर में मना अहिंसा दिवस, भारत में ट्रेंड में रहा बापू का हत्यारा, ट्विटर की पॉलिसी पर उठ रहे सवाल

ऐसे दौर में जब नेताओं के खिलाफ लिखने पर पत्रकारों को जेल भेज दिया जाता है, तब राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के खिलाफ दिनभर कट्टरपंथियों ने जहर उगला, लेकिन मौन रही एजेंसियां

Updated: Oct 03, 2021, 09:21 AM IST

Photo Courtesy: News18
Photo Courtesy: News18

नई दिल्ली। गांधी जयंती के मौके पर दुनियाभर में एक ओर अहिंसा दिवस मनाया जा रहा था, तो दूसरी ओर भारत में कट्टरपंथी दिनभर बापू के खिलाफ जहर उगल रहे थे। कल सुबह से ही बापू का हत्यारा गोडसे ट्विटर पर ट्रेंड करता रहा। इस दौरान गोडसे जिंदाबाद का हैशटैग लाखों ट्वीट्स के साथ कभी दूसरे तो कभी चौथे स्थान पर बरकरार रहा। गांधी के देश में गोडसे का ट्रेंड करना बेहद खतरनाक माना जा रहा है। वहीं इस मामले पर ट्विटर और सरकारी एजेंसियां भी सवालों के घेरे में हैं।

कौन हैं ये लोग और क्या चाहते हैं

लोगों के मन में एक सवाल उठता है कि आखिर हत्यारे का पक्ष लेने वाले ये लोग कौन हैं और आखिर ये चाहते क्या हैं? इसका जवाब उस हैशटैग के भीतर ही छिपा हुआ होता है। दरअसल, आपने यदि ध्यान दिया हो तो हर साल गांधी जी से जुड़ी किसी भी खास तिथि पर हत्यारा गोडसे ट्रेंड करने लगता है। इसके पीछे कौन लोग हैं इसे समझने के लिए हम समवेत ने जब भड़काऊ ट्वीट करने वालों का प्रोफ़ाइल खंगालना शुरू किया तो सबकुछ स्पष्ट हो गया।

यह भी पढ़ें: गांधी जयंती पर कट्टरपंथी हिंदू संगठन ने बापू के हत्यारे गोडसे की मूर्तियां लगाने का किया ऐलान

ट्विटर यूजर जितेंद्र पटेल ने इस हैशटैग को यूज करते हुए लिखा ‘नाथूराम की वजह से जिंदा है हिंदू, गांधी को मारकर अच्छा किया।’ पटेल की प्रोफाइल बताती है कि वे आरएसएस की छात्र संगठन एबीवीपी (ABVP) के सक्रिय सदस्य हैं।

एक अन्य ट्विटर यूजर अतुल शर्मा इसी हैशटैग के साथ लिखते हैं, ‘बचे कुचे गांधीयों से देश को मुक्त करो।’ शर्मा के प्रोफाइल से पता चलता है कि वे पीएम मोदी को अपना आदर्श मानते हैं।

वर्तमान समय में भारत ऐसे दौर से गुजर रहा है जब नेताओं के खिलाफ लिखने और कार्टून ट्वीट करने मात्र से पत्रकारों को जेल हो जाती है। ट्विटर उनके प्रोफाइल को बंद कर देता है। लेकिन आश्चर्यजनक बात ये है कि पूरे दिन असामाजिक तत्व शर्मनाक तरीके से राष्ट्रपिता गांधी के खिलाफ घटिया से घटिया बातें सोशल मीडिया पर कहते रहे। लेकिन हत्यारे के उपासकों को न तो किसी ने रोका और न ही कोई एजेंसी इन्हें गिरफ्तार करने गई। 

इसके पीछे का मकसद बापू की छवि को धूमिल करना, उनकी महानता को कमतर साबित करना और नई पीढ़ी के समाने हत्यारे गोडसे को एक रोल मॉडल की तरह पेश करना है। हत्या और हिंसा की विचारधारा को न सिर्फ जायज ठहराने, बल्कि उसके महिमामंडन की ऐसी शर्मनाक कोशिशें सरकार और प्रशासन द्वारा बार-बार नजरअंदाज किए जाने के कारण ही बार-बार की जाती हैं। विडंबना है कि ये बातें राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के लिए उसी देश में कही जा रही हैं, जिस देश के लिए उन्होंने खुद को पूरी तरह से कुर्बान कर दिया। 

गांधी जयंती पर इन हैश टैग्स को बीजेपी सांसद वरुण गांधी ने शर्मनाक बताया है। गांधी ने कहा कि ऐसे लोग विश्वभर में भारत को शर्मसार कर रहे हैं। मामले पर कांग्रेस ने भी तीखी प्रतिक्रिया दी है। कांग्रेस प्रवक्ता सुप्रिया श्रीनेत ने कट्टरपंथी ताकतों को निशाने पर लेते हुए कहा, 'तुम गांधी को न तब मार पाए थे, न अब मार सकते हो। गांधी मरते नहीं। गांधी सत्य हैं। गांधी इस देश की आत्मा हैं। यह महज एक जन्मदिन नहीं है बल्कि पर्व है साहस, संकल्प, सत्य, अहिंसा, न्याय और प्रेम का।'