शह को मात : मप्र मेें 'सरकार' के लिए सामूहिक इस्तीफे

मध्य प्रदेश में चल रहे सियासी ड्रामे के बीच सोमवार रात को कमलनाथ सरकार के लगभग 20 मंत्रियों ने इस्तीफे दे दिए हैं। इनमें सिंधिया गुट के मंत्री शामिल नहीं है। इन सभी मंत्रियों ने कमलनाथ के प्रति आस्था जताते हुए अपना इस्तीफा सौंप दिया है। अब नाथ नए मंत्रिमंडल का गठन करेंगे। इसमें असंतुष्ट विधायको को जगह मिल सकती है। इस बीच बयान जारी कर मुख्यमंत्री कमलनाथ ने कहा कि भाजपा अनैतिक रूप से कांग्रेस सरकार को अस्थिर करना चाहती है। मैं यह प्रयास सफल नहीं होने दूंगा।

Publish: Mar 10, 2020, 12:06 PM IST

MP CM Kamal Nath jyotiraditya scindia
MP CM Kamal Nath jyotiraditya scindia

मप्र में 2 मार्च से जारी राजनीतिक शह और मात के खेल में सोमवार रात कमलनाथ सरकार में बदलाव की इबारत लिख दी गई है। पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह ने खुलासा किया था कि भाजपा हॉर्स ट्रेडिंग कर सरकार को गिराने का प्रयास कर रही है। इसके बाद निर्दलीय, बसपा सहित कांग्रेस के आधा दर्जन से अधिक गायब हुए नाराज विधायकों की मुख्युमंत्री कमलनाथ से बात हो गई है। यह प्रकरण अभी पूरी तरह थमा भी नहीं था कि सोमवार दोपहर बाद कांग्रेस के वरिष्ठ नेता ज्योतिरादित्य सिंधिया की नाराजगी की खबरें बाहर आईं। सूत्रों के अनुसार सिंधिया गुट के 6 मंत्रियों समेत 17 विधायक दिल्ली और बेंगलुरु पहुंच गए हैं। इनके फोन बंद आ रहे हैं। खबर लगते ही मुख्यमंत्री कमलनाथ दिल्ली से भोपाल लौट आए हैं। उन्होंने वरिष्‍ठ नेताओं तथा मंत्रियों से चर्चा कर राजनीतिक परिस्थितियों का आकलन किया। इस विमर्श के बाद देर रात 20 मंत्रियों ने त्या गपत्र दे दिए। इस तरह मंत्रिमंडल का पुनर्गठन कर नाथ असंतुष्टय विधायकों को मंत्री बनाएंगे।  बदलते घटनाक्रम में मंगलवार को शाम 5 बजे कांग्रेस विधायक दल की बैठक भी बुलाई गई है। भाजपा ने भी इसी दिन विधायक दल की बैठक बुलाई गई है। 

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मेरे लिए सरकार मतलब सत्ता की भूख नहीं : नाथ 
इस घटनाक्रम के बीच सोमवार देर रात मुख्यमंत्री कमलनाथ बयान जारी कर कहा कि मैंने अपना समूचा सार्वजनिक जीवन जनता की सेवा के लिए समर्पित किया है। मेरे लिए सरकार होने का अर्थ सत्ता की भूख नहीं, जन  सेवा का पवित्र उद्देश्य है। पंद्रह वर्षों तक भाजपा ने सत्ता को सेवा का नहीं भोग का साधन बनाए रखा था वो आज भी अनैतिक तरीके से मध्यप्रदेश की सरकार को अस्थिर करना चाहती है। नाथ ने कहा कि 15 साल में भाजपा के राज में हर क्षेत्र में माफिया समानांतर सरकार बन गया था। प्रदेश की जनता त्रस्त थी और उसने माफिया रूप से छुटकारा पाने के लिए कांग्रेस को सत्ता सौंपी। मैंने जनता की अपेक्षा पर माफिया के खिलाफ अभियान चलाया। माफिया के सहयोग से भाजपा कांग्रेस की सरकार को अस्थिर करने का प्रयास कर रही है।
नाथ ने कहा सौदेबाजी की राजनीति से किसी दल या प्रदेश और जनता को कोई फायदा नहीं होता। इसके उलट अहित होता है। भूमाफिया से त्रस्त जनता को हमने राहत दिलाई, नकली दवाईयाँ, नकली खाद बेचकर लाभ कमाकर अमानवीय व्यवसाय में लगे माफिया के खिलाफ हमने अभियान चलाया। लोगों को प्रतिदिन उपयोग में आने वाली वस्तुएँ शुद्ध मिले इसके लिए "शुद्ध के लिए युद्ध" अभियान चलाया। ये वही लोग है जो पिछले 15 साल में भारतीय जनता पार्टी के राज में पनपे और उनका संरक्षण पाकर पोषित हुए। रेत माफिया ने तो भाजपा राज में 15 हजार करोड़ का डाका मध्यप्रदेश के राजस्व पर डाला। मेरे मुख्यमंत्री बनने के बाद रेत माफिया की भी कमर टूट गई। नापाक इरादे रखने वाले लोगों को यह रास नहीं आया। भाजपा माफिया के हाथ का खिलौना बन गई है। कई प्रयासों के  परिणाम भी सामने आना शुरू हो गए थे। माफिया राज के कारण भाजपा मध्यप्रदेश को उस स्थान पर नहीं ले पाई जिसकी लोगों को उम्मीद थी। जाहिर है भाजपा का जनाधार खिसकना शुरू हो गया था। भाजपा ने पिछले माहों में सात राज्यों में अपनी सरकार गंवा दी। इससे बौखलाकर कांग्रेस सरकार को 5 साल पूरा न करने देने की कुत्सित और घिनौनी कोशिशे पहले दिन से ही शुरू हो गई थी। प्रदेश की जनता का विश्वास और उनका प्रेम मेरी सबसे बड़ी शक्ति है। जनता की जनता के द्वारा बनाई गई सरकार को किसी भी कीमत पर अस्थिर करने वाली ताकतों को सफल नहीं होने दूँगा। 
नाथ ने कहा कि मैंने हमेशा मूल्यों की राजनीति की है। उससे मैं कभी समझौता नहीं कर सकता। भाजपा मध्यप्रदेश के भविष्य के साथ भी धोखा कर रही है और प्रदेश के विकास की असीम संभावनाओं को भी आघात पहुँचा रही है।