संकट का सियासती फायदा

अन्न वितरण में भेदभाव का ऐसा नजारा शायद ही कहीं देखने को मिले जो भोपाल में दिख रहा है।

Publish: Apr 29, 2020, 05:17 AM IST

line for PDS in bhopal
line for PDS in bhopal

मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल में कई शिकायतें मिली हैं कि सरकारी राशन दुकानों पर सिर्फ उन्‍हीं लोगों को राशन मिल रहा है जिनके पास भाजपा नेताओं द्वारा दी गई पर्ची है। हमने पड़ताल की तो कई लोगों ने इस सूचना को सही बताया। हमें मिले वीडियो में लोग भाजपा नेत्री सीता रघुवंशी के घर के बाहर कतार लगाकर अपनी बारी आने की प्रतीक्षा कर रहे हैं। उनमें से कुछ पर्ची नहीं मिलने से नाराज थे। नरेला विधानसभा क्षेत्र के सेमरा कलां की निवासी महिलाओं ने बताया कि भाजपा नेत्री सीता रघुवंशी नरेला विधायक विश्वास सारंग की समर्थक हैं। उनके क्षेत्र की राशन दुकान नंबर 263 व 264 से राशन तभी मिलता है जब भाजपा नेत्री सीता रघुवंशी सरकारी राशन की पर्ची बना कर देती हैं। यह पर्ची रघुवंशी के घर पर बनाई जा रही है।

राशन पर्ची नहीं मिलने से नाराज लोगों ने भाजपा नेत्री पर आरोप लगाया है कि सीता रघुवंशी चुन-चुनकर अपने समर्थक लोगों को पर्ची बांट रही हैं। वे गरीबों का राशन अपने लोगों में बंटवा रही हैं। भाजपा नेत्री सीता रघुवंशी के घर के बाहर मिले मोहन लोधी ने बताया कि वे अपनी पत्‍नी आशा लोधी तथा दो बच्‍चों सुमित लोधी व सुरभि लोधी का आधार कार्ड लेकर राशन दुकान पर गए थे मगर उन्‍हें राशन नहीं मिला। राशन दुकान संचालक ने कहा कि आधार के साथ सीता रघुवंशी द्वारा साइन की गई पर्ची ले कर आओ। मोहन दो घंटे तक सीमा रघुवंशी के घर के बाहर खड़े रहे मगर उन्‍हें पर्ची नहीं मिली। मूल रूप से नरसिंहपुर निवासी मोहन ने बताया कि वह बीते 6 साल से परिवार के साथ भोपाल में रहे हैं। दिहाड़ी मजदूरी कर परिवार का पेट पालते हैं। अब काम बंद है तो खाने का संकट हैं। सरकार ने राशन देने की बात कही है मगर भाजप नेत्री से पर्ची नहीं मिल रही है।

तीसरी तस्वीर भोपाल के अशोका गार्डन में राशन दुकान पर महिलाओं के रोज बढ़ती कतार की है। दुकानदार उन्हें रोज ये कहकर लौटा देता है कि उसके पास राशन नहीं आया है.. मुकद्दस नगर से शिकायत मिली है कि यहां भी आधार कार्ड दिखाने के बावजूद पूरे परिवार के सदस्‍यों को नहीं केवल एक व्‍यक्ति को पांच किलो राशन दिया गया। पांच किलो आटा या चावल कितने दिन 5 लोगों के परिवार का पेट भर पाएगा?

शिकायतें मिली है, समाधान किया है

भोपाल की फूड कंट्रोलर ज्‍योति शाह ने हम समवेत को बताया कि भोपाल में 3 लाख परिवार के पास राशन कार्ड है। इन तीन लाख कार्ड पर 15 लाख लोगों को राशन दिया गया है। शहर में अब तक 1 लाख 30 हजार परिवार बिना राशन कार्ड के पाए गए हैं। और सरकार उन्हें भी राशन मुहैय्या करा रही है। हालांकि सरकारी अफसरों ने स्‍वीकार किया है कि कुछ क्षेत्रों से पर्ची मांगें जाने या राशन नहीं मिलने की शिकायतें मिली हैं, लेकिन वो कहते हैं कि इसका निराकरण कर दिया गया है। 

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लेकिन जमीन पर काम कर रही राजनीतिक संस्थाएं एडवा, भारत ज्ञान विज्ञान समिति सहित विभिन्‍न संगठन आरोप लगा रहे हैं कि  प्रशासन शिकायतों को अनसुना कर रहा है। एडवा की नीना शर्मा ने कहा कि पुराना नगर, आजाद नगर जैसे कई स्‍थानों पर किसी विशेष संगठन या भाजपा नेताओं की अनुशंसा पर ही राशन देने की शिकायतें मिली हैं। यहां की महिलाओं का कहना है कि राशन गरीबों तक नहीं पहुंचा, किसी खास संगठन को दे दिया गया है। राशन पाना है तो उस संगठन के पास जाना ही पड़ता है।

गौरतलब है कि लॉकडाउन में गरीबों को अनाज देने की सरकारी वादे के तहत भोपाल में लगभग 12 हजार क्विंटल अनाज बांटने के लिे। मिला है, जिसके तहत प्रति परिवार 5 क्विंटल अनाज बांटा जा रहा है। और अधिकारी ये भी स्वीकार कर रहे हैं कि ये अनाज कम है। लेकिन अन्न वितरण में भेदभाव का ये नजारा शायद ही कहीं देखने को मिले जो भोपाल में दिख रहा है। कुछ तस्वीरें कैबिनेट मंत्री मीना सिंह के उमरिया इलाके से भी आयी हैं, जहां खुद बीजेपी के दो गुटों में राहत के काम को लेकर भेदभाव के आरोप सामने आ रहे हैं। 

ये हाल तब है जब प्रदेश की पुरानी कांग्रेस सरकार ने कोरोना संकट की आहट भांपकर मार्च महीने में ही राशनकार्ड धारकों को तीन माह का राशन एडवांस देने के निर्देश जारी कर दिया था। मार्च अंत में यह राशन दे भी दिया गया। जब गरीबों के पास राशन कार्ड न होने का मुद्दा उठा तो सरकार ने बिना राशनकार्ड वाले गरीब परिवारों को आधार कार्ड दिखाकर प्रति व्‍यक्ति 5 किलो राशन देने के आदेश दिए। नगर निगम ने विभिन्‍न सामाजिक संगठनों को साथ लेकर गरीबों को आहार देने की व्‍यवस्‍था आरंभ की मगर इन तमाम इंतजामों के बाद भी गरीबों का पेट खाली है।